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SPECIAL : सिम्स में अव्यवस्थाओं से जूझ रही गर्भवती महिलाएं और प्रसूताएं, बेड भी नहीं हो रहे उपलब्ध

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Published : Sep 13, 2020, 2:26 PM IST

बिलासपुर के सबसे बड़े सिम्स अस्पताल में ETV भारत की टीम पहुंची. इस अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को लिए बेड की कोई व्यवस्था नहीं है. गर्भवती महिलाएं इलाज नहीं मिलने की शिकायत कर रही है.

cims bilaspur
सिम्स बिलासपुर

बिलासपुर: इस बात में कोई शक नहीं है कि, कोरोना महामारी के इस कठिन समय में डॉक्टरों ने न जाने कितनी मुश्किलों का सामना करते हुए जनमानस की भलाई के लिए दिन-रात एक कर दिए, लेकिन इस बीच रेगुलर स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीजों और विशेषकर गर्भवती महिलाओं की कठिनाई भी बढ़ गई है. कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही अब अस्पतालों में बेड की कमी की समस्या सामने आ रही है. इस स्थिति में अब सामान्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं. बिलासपुर का जिला अस्पताल हो या फिर सिम्स अस्पताल हर जगह गर्भवती महिलाएं इलाज नहीं मिलने की शिकायत कर रही है और स्वास्थ्य अधिकारी इन चीजों से इत्तेफाक तक नहीं रखते.

सिम्स में अव्यवस्था

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बिलासपुर के सबसे बड़े सिम्स अस्पताल में ETV भारत की टीम पहुंची तो जो दृश्य देखने को मिले वो बेहद शर्मनाक थे. सिम्स अस्पताल परिसर में कुछ ऐसी गरीब महिलाएं और उनके परिजन मिले जो सिम्स में स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंचे थे. कुछ ही दिन पहले एक बच्चे को जन्म देनेवाली महिला ने बताया कि नवजात बीमार बच्चे को अस्पताल में भर्ती तो कर लिया गया लेकिन अस्पताल प्रशासन उनका सुध नहीं ले रहा है. महिला बेहद ही गंभीर स्थिति में हैं. वो लगातार बेड उपलब्ध कराए जाने की बात कह रही है. महिला के पति ने जब अस्पताल प्रशासन से बेड की मांग की तो उन्हें बेड खाली नहीं है का कारण बताते हुए अस्पताल परिसर में ही खराब स्थिति में छोड़ दिया गया. महिला का अस्पताल में चेकअप भी नहीं किया गया.

निजी अस्पताल ऐंठ रहे रुपये

शहर में इलाज के नाम पर निजी अस्पताल इन दिनों भारी भरकम रकम ऐंठ रहे हैं. हाल ही में शहर के निजी हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर मोटे रकम ऐंठने की शिकायत सामने आई थी. जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई भी की थी. सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में कहीं कुछ दिक्कत नहीं है और निजी अस्पतालों में फिलहाल इलाज के नाम पर जो कुछ भी रकम लिए जाते हैं वो गलत नहीं है. डॉक्टर से जब पूछा गया कि गर्भवती महिलाओं के डिलीवरी प्राइवेट अस्पतालों में किए जाने को लेकर कोई गाइडलाइन मिली है तो उन्होंने कहा कि गाइडलाइन तो है लेकिन उसे देखना पड़ेगा. अब इन्हीं बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग किस तरह संवेदनशील है.

इसमें कहीं कोई संदेह नहीं कि इन दिनों स्वास्थ्य विभाग कम संसाधनों में और कठिन परिस्थितियों में आम लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए भरसक कोशिश में लगा हुआ है,लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि महामारी का बहाना बनाकर लोगों को उनके हक से महरूम रखा जाए. उम्मीद है कि जल्द सिम्स प्रबंधन इस और ध्यान देगा और जरूरतमंदों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी.

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