रायपुर:NDA की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू 15 जुलाई की सुबह रायपुर पहुंच रही हैं. यहां वे अपने पक्ष में मतदान करने के लिए भाजपा, कांग्रेस सहित सभी दलों के विधायकों से अपील करेंगी. लेकिन उनकी इस यात्रा के पहले ही प्रदेश में राजनीतिक दलों की बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस उन्हें पिंजरे में कैद पक्षी की तरह शो पीस ना बनने की नसीहत दे रही है तो भाजपा नेता सभी विधायकों से दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर मतदान करने की अपील कर रहे हैं. (Politics hot ahead of Draupadi Murmu visit to Chhattisgarh)
आदिवासी हितैषी का मुखौटा लगाने की कोशिश:अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेश तिवारी ने भाजपा पर आरोप लगाते कहा "भाजपा अपनी आदिवासी विरोधी नीति व जंगल को निजी हाथों में बेचने के लिए किए जा रहे षड्यंत्र से लोगों का ध्यान हटाने के लिए एक आदिवासी महिला का इस्तेमाल कर रही है. आदिवासी महिला दौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी आदिवासी हितैषी होने का मुखौटा लगाने का प्रयास है.
मुर्मू आदिवासी नीति का विरोध करेंगी या पिंजरे में कैद पंछी बनेगी: कांग्रस के राष्ट्रीय सचिव ने राष्ट्रपति पद की उम्मीवार दौप्रदी मुर्मू से सवाल किया है कि "क्या वो केन्द्र सरकार की आदिवासी नीतियों का विरोध करेंगी. क्या इन सवालों का जवाब मतदान के पहले वे देंगी या पिंजरे में कैद पक्षी की तरह शो पीस बनी रहेंगी. सिर्फ किसी जाति विशेष का होने से ही उस जाति का भला नहीं होता बल्कि उस वर्ग के प्रति सोच व उनके विकास के लिए बनने वाली योजनाओं को क्रियांन्वित करने वाला होना चाहिए. भाजपा हमेशा धर्म व जाति की राजनीति करती है. ये एकबार फिर साबित हो रहा है कि भारत के राष्ट्रपति पद को भी सिर्फ एक जाति के बंधन में बांध दिया है. इसकी जितनी निन्दा की जाए कम है."