रायपुर :इस वक्त महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल (Upheaval in Maharashtra politics) आया हुआ है. शिवसेना के ही एक सिपाही एकनाथ शिंदे (Revolt of Shiv Sena leader Eknath Shinde) ने कथित रूप से पार्टी से बगावत कर अपने पार्टी के मुखिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनके साथ इतने विधायक बताया जा रहे हैं जिससे महाराष्ट्र में सियासी बवाल खड़ा हो सकता है. वहीं महाराष्ट्र में चल रहे सियासी कोहराम को छत्तीसगढ़ से जोड़ते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने (Big statement of Dharamlal Kaushik ) कहा " छत्तीसगढ़ में कभी भी हो सकता है विस्फोट , छत्तीसगढ़ के अंदरूनी कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं".
महाराष्ट्र की राजनीति का छत्तीसगढ़ में कितना असर ? बृजमोहन का महाराष्ट्र पर बयान :रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल (Raipur South MLA Brijmohan Agarwal) ने कहा " महाराष्ट्र में जो परिस्थिति है यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है. शिवसेना से नाराज होकर उनके लोग शिवसेना छोड़ रहे हैं. पहले से जिस विचारधारा को लेकर शिवसेना चल रही थी वह कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के नजदीक थी.परंतु विपरीत विचारधाराओं के साथ में जाकर शिवसेना ने जो काम किया है .उससे शिवसेना के जो मूल विचारधारा है उससे वह हट गए. इसलिए शिवसेना के विधायक नाराज हैं और इस तरह की परिस्थिति देखने को मिली है. बीजेपी के लिए सरकार सेवा का एक माध्यम है.आज पूरे महाराष्ट्र का विकास रुक गया है, लॉ इन ऑर्डर का प्रॉब्लम है. भारतीय जनता पार्टी सुशासन और सेवा के लिए सत्ता में आना चाहती है. जहां जहां स्थिति खराब हो रही है वहां सुशासन और शासन का साथ देने वाले जो लोग हैं. भाजपा उनका साथ दे रही है. "
छत्तीसगढ़ में भी हो सकता है विस्फोट : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने कहा " मुख्यमंत्री हर बार केंद्र पर इलजाम डालना चाहते हैं. मुझे तो यह बात समझ में नहीं आ रहा कि केंद्र को फोन टैप करवाने की आवश्यकता क्या है. प्रदेश में सरकार की स्थिति क्या है यह तो सबके सामने है. यहां पर स्थिति विस्फोट से कम नहीं है. छत्तीसगढ़ में कभी भी विस्फोट हो सकता है. छत्तीसगढ़ के अंदरूनी कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है. प्रदेश में स्थिति क्या है यह सबको पता है. आखिर मुख्यमंत्री इतना घबरा क्यों रहे हैं. जब पार्टी के अंदर ही सम्मान ना हो पार्टी के अंदर ही लोग अपमानित महसूस करने लगे तो आखिर कौन क्या कर सकता है. मुख्यमंत्री को आरोप लगाने के बजाय अपनी कमी देखना चाहिए."