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औषधीय गुणों से भरपूर है छत्तीसगढ़ के धान की किस्में, पूरे विश्व में नहीं मिलेगा धान का ऐसा संग्रह

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Published : May 13, 2022, 1:02 PM IST

Updated : May 13, 2022, 1:45 PM IST

paddy varieties of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य है, जहां 23 हजार 250 से ज्यादा धान की किस्में हैं. रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 23 हजार 250 धान की किस्मों को संजोकर रखा गया है.

paddy varieties of Chhattisgarh
औषधीय गुणों से भरपूर है छत्तीसगढ़ के धान

रायपुर:इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में 23 हजार 250 धान की किस्मों को रिसर्च के लिए संजोकर रखा गया है. यहां धान की डीएनए फिंगर प्रिंटिंग के जरिए अलग किस्म विकसित की जा रही है. धान की किस्मों में गुच्छेदार धान, सुगंधित धान, मेडिसिनल धान , यूनिक राइस , गठुवन धान, महाराजी धान, लायचा धान, धनिया धान जैसी हजारों किस्में हैं. (paddy varieties of Chhattisgarh)

औषधीय गुणों से भरपूर है छत्तीसगढ़ के धान

कृषि वैज्ञानिक सुनील नायर ने कहा " छत्तीसगढ़, ओडिशा बॉर्डर और मध्यप्रदेश बॉर्डर में कृषि के लिए बहुत अच्छी मिट्टी पाई जाती है. कृषि के लिए यह क्षेत्र सबसे अच्छा माना जाता है. यहां की क्लाइमेट कंडीशन भी कृषि के अनुकूल रहती है. कृषि विश्वविद्यालय में 23 हजार 250 से ज्यादा धान की किस्में रिसर्च पर्पस के हिसाब से रखी गई है. धान की किस्मों का म्यूटेशन कर एडवांस धान की किस्में बनाई जाती है, जिससे 1 धान में कई धान की किस्मों की खूबी रहती है ताकि किसानों को इसका भरपूर लाभ मिल सके."

कृषि विश्वविद्यालय में प्रदेश के हर जिले के सुगंधित धान की किस्में: कृषि वैज्ञानिक सुनील नायर ने बताया "इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में राज्य के हर जिले के प्रचलित धान की एक खास किस्म की खेती की जाती है. छत्तीसगढ़ में छोटे दाने वाले धान की सुगंधित किस्मों के मामले में प्रदेश समृद्ध है. कृषि विश्वविद्यालय में सभी जिलों के एक-एक प्रचलित किस्मों को खेतों में अनुसंधान के लिए लगाया गया है ताकि सुगंधित किस्मों में भी और बेहतर काम किया जा सके. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में कुछ अन्य धान की किस्में भी हैं जैसे दुबराज, जवाफूल , विष्णुभोग, छत्तीसगढ़ी देवभोग, स्वर्णा चावल और जीराशंकर चावल. यह पूरे देश में मशहूर है. "

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छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की किस्में: • कुबरी मोहर :- इसे धमतरी के पास से एकत्रित किया गया है। इसका छिलका सुगंधित होता है. इस किस्म के छिलके पर सुनहरी धारियां होती है। कुबरी मोहर का चावल सफेद मध्यम पतला सुगंधित होता है • शाम जीरा :- इसे सूरजपुर से एकत्रित किया गया है। शाम जीरा का चावल छोटे और सुगंधित होते हैं. • श्याम जीरा :- इसे बैकुंठपुर और कुरियर से एकत्रित किया गया है। इसका छिलका बैंगनी रंग का होता है. श्याम जीरा के दाने मध्यम पतले और सुगंधित होते हैं.

छत्तीसगढ़ में औषधीय धान की किस्में: • गठुवन धान :- इस धान की किस्म को अभनपुर और रायपुर से एकत्रित किया गया है इसके छिलके भूरे रंग के होते हैं. गठुवन धान को जोड़ों के दर्द के लिए काफी उपयोगी माना जाता है. • लायचा धान :- इस धान की किस्म को सरोना और सुकमा से एकत्रित किया गया है. इस धान की किस्म को गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ बच्चों के लिए दिया जाता है. • महराजी धान :- इस धान की किस्म को मंडला से एकत्रित किया गया है. प्रसव के बाद महिलाओं को कमजोरी कम करने के लिए धान की किस्म को दिया जाता है.

छत्तीसगढ़ में खास धान की किस्में:• खटिया पाटी :- इस धान की किस्म को पलारी और रायपुर से एकत्रित किया गया है. इसका दाना लंबा-पतला आकार का होता है. खटिया पाटी का छिलका लाल भूरे रंग का होता है. • हटही पनजारा :- इस धान की किस्म को केशकाल और कोंडागांव से एकत्रित किया गया है. हटही पनजारा का दाना लंबा और मोटा होता है. • सी आर मुगनयन :- सीआरआरआई कटक से एकत्रित किया गया है. इसका दाना मध्यम महीन होता है. वहीं रघुनाथ, रामदीन, छीनमोहरी, काला जीरा धान की ऐसी प्रजातियां हैं, जो सूखे को भी बर्दाश्त कर लेती हैं.

Last Updated : May 13, 2022, 1:45 PM IST

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