रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की केंद्रीय जेल में बड़ी संख्या में सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदियों को रखा गया है. इनकी संख्या करीब 3500 है. इनमें आधे से ज्यादा युवा हैं. इनकी उम्र महज 18 से 30 वर्ष हैं. इसमें भी ज्यादातर विचाराधीन बंदी हैं. यह बंदी कई अपराधों को अंजाम देने के बाद जेल पहुंचे हैं. इनके खिलाफ मारपीट, चाकूबाजी, चोरी, हत्या, हत्या का प्रयास, एनडीपीएस एक्ट, छेड़छाड़ और दुष्कर्म सहित अन्य छोटे अपराध दर्ज हैं. prison overcrowding in raipur
हर छोटी बड़ी घटनाओं में युवा शामिल: रायपुर में होने वाली ज्यादातर छोटी बड़ी घटनाओं में युवा वर्ग शामिल हो रहे हैं. इसकी गवाही रायपुर सेंट्रल जेल के बंदियों के मिले आंकड़े दे रहे हैं. इसमें 18 से 30 वर्ष के 650 कैदी हैं, जबकि 1150 विचाराधीन बंदी हैं. इसके अलावा रोजाना औसतन करीब 40 नए बंदियों को जेल दाखिल किया जाता है. जिनमें सबसे ज्यादा 18 से 30 वर्ष के लोग शामिल हैं.
रायपुर केंद्रीय जेल में क्षमता से ज्यादा बंदी:केंद्रीय जेल रायपुर की क्षमता 1586 कैदियों की रखने की है. लेकिन यहां 3500 बंदियों को रखा गया है. इसमें 1582 सजायाफ्ता, करीब 1900 विचाराधीन, तीन नाइजीरियन और सिविल मामलों के कैदी शामिल हैं. यह निर्धारित क्षमता का करीब 60 फीसदी ज्यादा है.
रायपुर सेंट्रल जेल के जेलर उत्तम पटेल ने बताया कि ''जेल में करीब 50 फीसदी बंदियों की औसतन उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच है. केंद्रीय जेल में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आरंग स्थित ग्राम गोढ़ी में 85 एकड़ में नई जेल का निर्माण किया जा रहा है. काम पूरा होने के बाद बाकी कैदियों को वहां रखा जाएगा.''