रायपुरः छत्तीसगढ़ में महज 10 दिनों के भीतर कोरोना का सबसे बड़ा ब्लास्ट ( biggest corona blast in chhattisgarh) हुआ है. मंगलवार को कुल 1058 लोग कोरोना (more than thousand cases of covid came) संक्रमित पाए गए. करीब एक हफ्ते के अंदर कोरोना केसों में यह अब तक का सबसे बड़ा उछाल है. कोरोना लगातार तेजी से फैल रहा है. ओमीक्रोन वैरिएंट का खतरा भी (Omicron variant threat) बढ़ गया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा का न होना स्वास्थ्य विभाग और सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रहा है. सुविधा के अभाव में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपलों को भुवनेश्वर भेजना पड़ जा रहा है. इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मण्डाविया को कोविड-19 के नए वेरियंट की स्थिति को देखते हुए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) जांच सुविधा शुरू करने की मांग की है.
कोरोना वेरिएंट की पहचान में आ रही मुश्किल
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पत्र में लिखा कि "जीनोम सिक्वेंसिंग" (Genome Sequencing) के लिए छत्तीसगढ़ से हमें सैंपल भुवनेश्वर (ओडिसा) भेजकर रिपोर्ट मंगानी पड़ती है. इसमें काफी समय लगता है. जांच की गति धीमी होने से हमें यह पता नहीं चल पाता कि हमारे क्षेत्र में फैलने वाला कोरोना वैरिएंट ओमिक्रोन, डेल्टा अथवा अन्य कोई दूसरा है. इस वजल से संक्रमण की रोकथाम, जांच या इलाज आदि के महत्वपूर्ण निर्णय लेने तथा रणनीतिक तैयारी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.