राहत: राजधानी में कोरोना के नए केस 300 से नीचे, बीते 2 हफ्ते से प्रदेश में 3000 से कम मरीज
छत्तीसगढ़ के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. प्रदेश में बीते 15 दिनों से कोरोना केस कम आ रहे हैं. इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसा ही रहा, तो जल्द ही महामारी पर नियंत्रण हो जाएगा. वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि बीते 15 दिनों से जांच कम हो रही है, इस वजह से ही केसेज़ कम आ रहे हैं.
राजधानी में कम हुए कोरोना के मामले
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Published : Oct 6, 2020, 12:42 PM IST
रायपुर: छत्तीसगढ़ के लिए राहत की बात है कि प्रदेश में 2 दिन को छोड़कर 3000 और रायपुर में 500 से कम मरीज मिले हैं. एक ओर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो जल्द राहत की उम्मीद है. वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि बीते 15 दिन से जांच कम हो रही है, इस वजह से ही केस कम आ रहे हैं. राजधानी सहित प्रदेश के संक्रमण प्रभावित 17 जिलों में सितंबर का अंतिम पखवाड़ा या हफ्ता लॉकडाउन में गुजरा है, लगभग तभी से कोरोना मरीजों की संख्या कम हुई है.
बीते 14 दिनों में अगर 26 या 28 सितंबर को छोड़ दिया जाए, तो प्रदेश में मरीजों की संख्या रोजाना 3000 से कम आई है. सोमवार को राजधानी में नए संक्रमितों की संख्या 300 से नीचे जा पहुंची है. रायपुर में सोमवार को कुल 270 केस मिले हैं. इससे पहले 31 अगस्त को 251 केस मिले थे. पूरे सितंबर महीने में नए संक्रमितों की संख्या 300 से ज्यादा रही है. सितंबर में ज्यादातर कोरोना केस 500 से ऊपर रहे हैं. आंकड़ा हजार के पार भी पहुंचा है. लंबे समय बाद नए मामलों में कमी आने के कारण लोग राहत की सांस ले रहे हैं.
जांच कम होना भी हो सकती है एक बड़ी वजह
प्रदेश में रोजाना औसतन 12 से 15 हजार सैंपल जांचे जा रहे हैं. राजधानी में भी औसत 1500-1800 टेस्ट का है. मतलब कुल टेस्ट करवाने वालों में 20 प्रतिशत लोग यानी हर पांच में से एक व्यक्ति अब भी पॉजिटिव निकल रहा है. इन दिनों रोजाना 12 से 15 हजार सैंपल की रिपोर्ट आ रही है. हालांकि प्रदेश में इससे पहले 22, 25 से लेकर 32 हजार सैंपल की रिपोर्ट 1 दिन में आई है. बीते कुछ दिनों से लोग सैंपल देने बाहर नहीं जा रहे हैं. यही कारण है कि जांच भी कम हो रही है.
अधिकारियों का कहना है कि सर्वे चल रहा है. इसमें कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाएगी. हो सकता है कि इससे सैंपल देने वालों की संख्या बढ़ जाए. अधिकारियों का यह भी कहना है कि लोग सर्दी-खांसी, बुखार और दूसरी बीमारियों को छिपाते हैं. इस कारण भी सर्वे में सही बातें पता नहीं चल पाती. लोगों को परिवार के सदस्यों की पूरी और सही जानकारी देनी चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि मरीज कम मिल रहे हैं तो संक्रमण कम हो गया है, यह कहना उनके लिए जल्दबाजी होगी. हालांकि डॉक्टरों का पहले भी अनुमान था कि सितंबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते से मरीज कम होने लगेंगे. हालांकि रायपुर को छोड़कर दूसरे जिलों में मरीजों की संख्या कुछ बढ़ी है, इसलिए रोज दो हजार से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं.