महंगी हुई 'मनोकामना': मंदिरों में अखंड ज्योति जलवाना महंगा हुआ - पूजन सामग्री का रेट
महंगाई की मार पूजा-पाठ पर भी पड़ रही है. नवरात्र पर देवी मंदिरों में जलने वाले ज्योति कलश की सहयोग राशि बढ़ा दी गई है. मंदिर प्रबंधन का कहना है कि तेल के दाम बढ़ गए हैं. इसलिए ये फैसला लिया गया है. हालांकि कुछ मंदिरों में अब भी पुरानी राशि के मुताबिक ही ज्योति कलश जलाए जाएंगे.
मंदिरों में अखंड ज्योति जलाना हुआ महंगा
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Published : Mar 27, 2021, 6:16 PM IST
रायपुर:छत्तीसगढ़ में नवरात्र के दौरान देवी मंदिरों में अखंड ज्योति जलाई जाती हैं. ये ज्योति कलश भक्तों की आस्था का प्रतीक होते हैं. लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए या फिर श्रद्धा से अखंड ज्योति जलवाते हैं. लेकिन इस साल यहां भी महंगाई की मार देखने को मिल रही है. मंदिरों ने इस बार ज्योति कलश के लिए ली जाने वाली सहयोग राशि बढ़ा दी है. राशि में 50 से 200 रुपए तक की बढ़ोतरी की गई है.
मंदिरों में ज्योति कलश जलवाना हुआ महंगा
मंदिर के पंडित और ट्रस्ट सदस्यों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से तेल और पूजन सामग्री के दाम में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. महंगाई को देखते हुए ज्योति कलश की राशि में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला कहते हैं कि पिछले 7-8 साल से सहयोग राशि ज्यों की त्यों थी. लेकिन इस साल महंगाई ने 100 रुपए की वृद्धि के लिए मजबूर कर दिया. पुजारी मनोज ने बताया कि पहले मंदिर में ज्योति कलश के लिए 501 रुपये सहयोग राशि ली जाती थी जिसे बढ़ाकर अब 601 रुपये कर दिया गया है.
वहीं काली मंदिर के पुजारी मामाजी का कहना है कि सहयोग राशि में 50 रुपये की वृद्धि की गई है. पहले काली मंदिर में ज्योति कलश के लिए 701 रुपये लिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब 751 रुपये कर दिया गया है.
महामाया मंदिर
महामाया मंदिर
'तेल के दाम बढ़ने से बढ़ाई गई सहयोग राशि'
आकाशवाणी स्थित काली मंदिर के ट्रस्टी डी के दुबे बताते हैं कि जो तेल का टीन पहले 1200-1300 रुपए में आता था, अब वही 2100 रुपए में मिल रहा है. तेल के दामों में कई गुना बढ़ोतरी हुई लेकिन उस अनुपात में भक्तों से ज्योति कलश के लिए ली जाने वाली सहयोग राशि में बढ़ोतरी नहीं की गई है. वे कहते हैं कि मात्र 50 रुपये की बढ़ोतरी सहयोग राशि में की गई है. दुबे ने बताया कि पिछले साल मंदिर में लगभग 4000 ज्योति कलश रखे गए थे. इस बार कोरोना के लिए जारी गाइडलाइन के मद्देनजर मात्र 21 सौ ज्योति कलश रखे जाने की व्यवस्था की जा रही है. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा सकता है यही वजह है कि मंदिर के जो सदस्य ओर कर्मचारी हैं. उन्हीं के हाथों इन ज्योति कलश को जलाया जाएगा. इस वजह से इन ज्योति कलश की संख्या 4000 से घटाकर 2100 कर दी गई है.
यह तो रही रायपुर के दो प्रमुख मंदिरों की बात जिनके द्वारा ज्योति कलश के लिए ली जाने वाली सहयोग राशि में बढ़ोतरी की गई है. इसके अलावा प्रदेश के अन्य प्रमुख देवी मंदिरों में भी ज्योति कलश के लिए ली जाने वाली सहयोग राशि में बढ़ोतरी की गई है. एक नजर डाल लेते हैं.
इन मंदिरों में सहयोग राशि में की गई बढ़ोतरी-
मंदिर
शहर
पहले
अब
महामाया मंदिर
रायपुर
501
601
काली मंदिर
रायपुर
701
751
महामाया
रतनपुर
501
751
चंद्रहासिनी देवी
चंद्रपुर
651
701
सर्वमंगला
कोरबा
501
701
बंजारी माता
रायगढ़
601
701
इन मंदिरों में नहीं बढ़ाई गई सहयोग राशि-
मंदिर
शहर
राशि
खल्लारी माता
महासमुंद
501
विंध्यवासिनी
धमतरी
1501
बमलेश्वरी ऊपर
डोंगरगढ़
1100
बमलेश्वरी नीचे
डोंगरगढ़
2100
भक्तों को सहयोग राशि बढ़ने से परेशानी नहीं भक्त भी मानते हैं कि लगातार बढ़ रही महंगाई का असर पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के खर्चे पर भी पड़ा है. यही वजह है कि मंदिर में ज्योति कलश के लिए ली जाने वाली सहयोग राशि बढ़ा दी गई है. भक्तों को सहयोग राशि बढ़ने से कोई समस्या नहीं है. बता दें कि अगले महीने 13 अप्रैल से नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है, जिसे देखते हुए रायपुर सहित प्रदेश के अन्य प्राचीन देवी मंदिरों में तैयारी शुरू कर दी गई है. इन मंदिरों में रंगाई-पुताई, साफ-सफाई सहित ज्योति कलश जलाने की भी तैयारी की जा रही है.