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Nava Raipur Kisan Andolan: 'सरकार सिर्फ कर रही जुमलेबाजी, जारी रहेगा आंदोलन' - नवा रायपुर अटल नगर के किसान आंदोलन पर

farmers movement of Nava Raipur Atal Nagar: नवा रायपुर के प्रभावित किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी सिर्फ 3 मांगों को माना है. वो भी आधी अधूरी है. सभी मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

Nava Raipur Kisan Andolan
नवा रायपुर अटल नगर के किसान आंदोलन पर

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Published : Mar 5, 2022, 12:43 PM IST

रायपुर:पिछले दो महीने से नवा रायपुर अटल नगर के किसान आंदोलन पर हैं. शुक्रवार को नया रायपुर विकास प्राधिकरण की बैठक संपन्न हुई. बैठक के बाद मोहम्मद अकबर ने किसानों की 6 मांगों को पूरा करने की बात कही लेकिन नवा रायपुर में आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा सरकार मांग पूरा करने का भ्रम फैला रही है.

नवा रायपुर में आंदोलन कर रहे किसानों के नेतृत्व कर रहे रूपन चंद्राकर ने कहा कि 'सरकार छह मांगे माने जाने का दावा कर रही हैं. लेकिन यह केवल जुमलेबाजी है. हम अपनी 8 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इनमें से सरकार की तरफ से सिर्फ तीन मांगों को ही माना गया है. वो भी आधी अधूरी है. सरकार लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही हैं. नवा रायपुर में आंदोलनरत किसानों की मुख्य मांगों पर सरकार ने कोई विचार नहीं किया है. सरकार की तरफ से तीन सदस्य मंत्रियों की समिति के साथ हुई तीन बैठकों में हर एक विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है. सरकार ने सिर्फ एक ही विषय पर सही तरह से पालन किया है. जिनमें नवा रायपुर में प्रभावितों को 70 प्रतिशत चबूतरा और गुमटी देने की बात मानी है. बाकी मांगे अधूरी है.

नवा रायपुर के आंदोलनकारी किसानों की अधिकांश मांगें सरकार ने मानी-मोहम्मद अकबर

चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जिन 6 मांगों को पूरा करने का भ्रम फैला रही है. उनमें से पांच मुद्दे तो साल 2013 में सशक्त समिति की 12वीं बैठक में लिए गए निर्णय है. जिस पर फैसला ना बीजेपी शासनकाल में हुआ और ना ही अब कांग्रेस शासन काल में हो रहा है. उन्हीं निर्णयों पर कई शर्ते लागूकर सरकार भ्रमित कर रही है. नवा रायपुर के मुख्य मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. तीन सदस्यीय कैबिनेट मंत्रियों की गठित कमेटी की प्रथम बैठक जो 29 जनवरी को हुई थी उसमें 8 मांगों को प्रस्तुत किया गया था.

नवा रायपुर में जारी रहेगा किसान आंदोलन

आंदोलनरत किसानों का कहना है कि ' सरकार गठन के पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके आंदोलन में शामिल हुआ करते थे, लेकिन आज वे हमें भूल गए हैं. सरकार हमारा सारी मांगों को मान ले तो हम आंदोलन छोड़ देंगे. सरकार की ऐतिहासिक फैसले का सम्मान करेंगे. हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तो यह आंदोलन निरंतर चलेगा. प्रदेश के सारे किसान प्रतिनिधि इस आंदोलन में शामिल होंगे. राष्ट्रीय नेताओं ने भी हमारे आंदोलन को समर्थन दिया है. वह भी हमारे आंदोलन में शामिल होंगे. सरकार हमारी मांगों पर गंभीर हो जाएं'.

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ये है आंदोलनरत किसानों की मांगे

नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी आवासीय और व्यवसायिक भूखंड पात्रा अनुसार निशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाए.

भू अर्जन कानून के तहत जमीन के मालिकों को मुआवजा नहीं मिला है. उन्हें बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा दिया जाए.

नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए.

पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाले बारह सौ स्क्वायर फीट का प्लॉट दिया जाए.

जमीन खरीदी बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए

आबादी से लगी गुमटी, चबूतरा ,दुकान व्यवसायिक परिसर को 75% प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए.

नवा रायपुर के दफ्तरों में निकलने वाली भर्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए

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