रायपुर : हाल ही के दिनों में यूरोपीय और अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स के कई मामलों की पहचान की है. इसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर मरीज युवा पुरुष हैं. आश्चर्य की बात ये है कि अब तक यह बीमारी अफ्रीकी देशों के बाहर नहीं पाई गई थी. लेकिन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक केवल 10 दिनों के भीतर 12 देशों में 92 मंकीबॉक्स के मामले की पुष्टि हुई है. आगे भी यह वायरस तेजी से फैल सकता है जिस वजह से डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को सावधान रहने की चेतावनी दी (monkeypox in india ) है.
क्या होता है मंकीपॉक्स :मंकीपॉक्स एक वायरस है , जो रोडेंट और प्राइमेंट जैसे जंगली जानवरों में पैदा होता है. इससे कभी-कभी इंसान भी संक्रमित हो जाता है. इस तरीके के ज्यादातर मामले मध्य और पश्चिम अफ्रीका में देखे गए हैं. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले वैज्ञानिक ने 1958 में की थी. जब शोध करने वाले बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के प्रकोप हुए थे. इसलिए इसे मंकीपॉक्स कहा जाता है.
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण : मंकीपॉक्स उसी वायरस फैमिली से संबंधित है जिसका सदस्य चेचक यानी स्मॉल पॉक्स है. चेचक के मुकाबले इसके लक्षण हल्के होते हैं. मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों में बुखार , शरीर में दर्द , ठंड लगना और थकान के लक्षण देखे जाते हैं. इसके अलावा गंभीर तौर से संक्रमित लोगों के चेहरे और हाथों पर दाने और घाव हो सकते हैं. यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है. 7 से 21 दिनों तक इसका असर बना रहता है. ऐसे मामले में हॉस्पिटल में एडमिट होने की आशंका कम होती है.