रायपुर : हम आज ऐसी शख्सीयत से बात कर रहे हैं, जिनकी पहचान उनकी संसदीय ज्ञान, संवैधानिक जानकारी, सौम्य स्वभाव के साथ-साथ राजनीति के चतुर खिलाड़ी के रूप में है. हम बात कर रहे हैं प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे (Minister Ravindra Choubey ) की. जिन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत गांव के सरपंच से की थी.
सवाल : सरपंच से मंत्री पद तक के राजनीतिक सफर के बारे में क्या कहना चाहते हैं ?
जवाब : राजनीति में आना आकस्मिक रहा. हालांकि मेरी पारिवारिक पृष्टभूमि राजनीतिक रही है, लेकिन मैंने पढ़ाई के बाद उच्च न्यायालय में वकालत शुरू कर दी थी. मगर पारिवारिक स्थिति ऐसी बदली कि कार्यकर्ताओं के अनुरोध के बाद राजनीति में आ गया. गांव के पंच, सरपंच फिर जनपद और जिला पंचायत उसके बाद जनता के आशीर्वाद से विधायक और मंत्री पद तक का सफर मैंने पूरा किया.
ग्रामीण पृष्ठभूमि से आये हैं. सरल और सीधे लोग हैं. प्रेम से ही राजनीति के काम होते हैं. शायद इसी वजह से 44 साल से जनता का आशीर्वाद मिल रहा है. तौलिये या लुंगी और बनियान में भी हम कार्यकर्ताओं से मिलने में परहेज नहीं करते. गांव में खुशहाली दिखाई दे रही है. किसानों को लग रहा है कि उनके हित में सरकार काम कर रही है.
सवाल : पिछले चार घंटे से लोग लगातार मंत्री जी (आप से) से मुलाकात कर रहे हैं. हमने ये देखा कि इस दौरान मंत्री जी ने कुछ मामलों का त्वरित निराकरण भी किया. क्या इसी वजह से लोग आपके पास आते हैं अपनी समस्याएं लेकर ?
जवाब : आप जिसकी बात कर रहे हैं, उसे बैटरी चलित ट्राइसाइकिल की जरूरत थी. जो तुरन्त उपलब्ध थी तो मैंने कलेक्टर को फोन कर दिया. लेकिन कई ऐसी मांगें या समस्या रहती हैं, जिनके लिए जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है. ऐसे कामों में समय लगता है. जैसे ट्रांसफर पर बैन लगा है तो वो तो नियम से और समय पर ही होगा.