रायपुर:पितृ पक्ष 10 सितंबर से 25 सितंबर तक मनाया जाएगा. पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष मिलता है. मृत आत्मा तृप्त होती है. पुराने समय में लोग नदी और तालाब में जाकर कमर तक पानी में डूब कर पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण करते थे लेकिन आज के बदलते परिवेश में काफी कुछ बदल चुका है. खासकर शहरों में ऐसे नदी तालाब नहीं है. ऐसे में लोग अपने घरों में पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण कर सकते है. आइए जानते हैं कैसे और किस विधि से घर में पितरों का तर्पण किया जा सकता है.tarpan in Pitru Paksha
तर्पण की विधि:ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया "जिन जगहों पर नदी या तालाब की व्यवस्था नहीं है ऐसे लोग पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण घर में भी कर सकते हैं. इसके लिए कुछ आवश्यक चीजें जैसे रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी, रक्षा सूत्र, अक्षत, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद, काला तिल, तुलसी पत्ता, पान का पत्ता, जौ, हवन सामग्री, गुड़, मिट्टी का दिया, रुई, बत्ती, अगरबत्ती, गंगाजल, खजूर, अकेला सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, खीर, चावल, मूंग लेकर पितृ पक्ष के 15 दिनों तक सुबह उठकर स्नान करके जनेऊ बाएं कंधे पर धारण करें. इसके बाद एक दीया जलाकर भगवान सूर्य को प्रणाम करके पूर्वा विमुख होकर सबसे पहले देवताओं को तर्पण करें. उसके बाद दक्षिण मुख करके अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए. उत्तर की ओर मुख करके हाथ जोड़कर ऋषियों को तर्पण करना होता है. दक्षिण मुख करके अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए. जिसमें दादा, दादी, नाना, नानी, परदादा, परनानी, पितृ पक्ष और मातृ पक्ष, पत्नी पक्ष के लोगों का तर्पण किया जा सकता है." Pitru Paksha 2022