रायपुर:शारदीय नवरात्र का आज आठवां दिन है. जिसे अष्टमी के रूप मे भी जाना जाता है. नवरात्र के आठवें दिन भगवती के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. माता महागौरी की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है. सारे कष्ट दूर होते हैं.
मां महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में पाने करने के लिए कठोर तपस्या की थी. एक बार भगवान भोलेनाथ पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं. जिससे देवी के मन आहत हो जाता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं. इस तरह सालों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुंचते हैं. वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. पार्वती जी का रंग बेहद ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन सफेद दिखाई पड़ती है.
माता का स्वरूप:माता महागौरी की सवार वृषभ (बैल) है. इनका अस्त्र त्रिशूल है. इन्हें भी भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में माना गया है. माता का रूप गौर वर्ण है. मान्यता है कि इस दिन यज्ञ (हवन) करने का विधान है. हवन करने से रोग दूर होते हैं. सारे कष्ट दूर होते हैं.
माता महागौरी की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.
महागौरी के मंत्र