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Shardiya Navratri Day 6 Pooja: शत्रु पर विजय के लिए ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा - शारदीय नवरात्र 2022

maa katyayani pooja on sixth day: नवरात्र का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है. सिंह पर सवार होकर शत्रु नाश करने वाली मां की पूजा से जीवन में भी शत्रुनाश होता है और हमेशा विजय मिलती है. Shardiya Navratri 2022

Shardiya Navratri Day 6 Pooja
मां कात्यायनी की पूजा विधि

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Published : Oct 1, 2022, 4:48 AM IST

रायपुर: नवरात्र के छठे दिन मां के कात्यायनी रूप की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां के इसी रूप ने महिषासुर का वध किया था. इसलिए अलौकिक तेज प्रदान करने वाली मां कात्यायनी की पूजा से शत्रु का नाश होता है. मां कात्यायनी ने सिंह पर सवार होकर महिषासुर का वध किया था. इसलिए मां कात्यायनी को महिषासुरमर्दनी (Mahishasurmardani) भी कहा जाता है. वह शक्ति की आदि स्वरूपा हैं. शत्रु नाश के लिए विशेष तौर पर मां कात्यायनी की पूजा का विधान है. कहते हैं कि मां कात्यायनी की आराधना से मनुष्य शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर लेता है. maa katyayani pooja

ये है पौराणिक कथा:महर्षि कात्यायन ने मां भगवती की उपासना करते हुए वर्षों तक कठिन तपस्या की. उनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री रूप में जन्म लें. मां ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली. महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की. इसी कारण ये मां कात्यायनी कहलाईं. मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं.

शत्रुओं का नाश करती हैं मां कात्यायनी:मां की आराधना से रोग, शोक, संताप और भय से मुक्ति मिलती है. शिक्षा क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. मां की पूजा के लिए पीले या लाल रंग के वस्त्र धारण करें. माता के समक्ष पीले रंग के फूलों को अर्पित करें. धूप-दीप से मां की आरती करें. मां कात्यायनी की पूजा में मधु यानी शहद को अवश्य शामिल करें. मां को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है.

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मां कात्यायनी के मंत्र

मां कात्यायनी के मंत्रो का जाप लाल चंदन की माला या फिर रुद्राक्ष की माला से करें.जाप करने के बाद माला को गले में धारण कर लें. शीघ्र ही आपकी इच्छा पूरी होगी.

  • ॐ कात्यायिनी देव्ये नमः।
  • या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
  • कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।

मां कात्यायनी की पूजा विधि

  • मां कात्यायनी की पूजा करने से पहले साधक को शुद्ध होने की आवश्यकता है.
  • पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए.
  • इसके बाद पहले कलश की स्थापना करके सभी देवताओं की पूजा करनी.
  • उसके बाद ही मां कात्यायनी की पूजा आरंभ करनी चाहिए.
  • या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ मंत्र का जाप करते हुए फूल को मां के चरणों में चढ़ाएं.
  • इसके बाद मां को लाल वस्त्र, 3 हल्दी की गांठ, पीले फूल, फल, नैवेध आदि चढाएं और मां कि विधिवत पूजा करें.
  • अंत में मां की आरती उतारें और इसके बाद मां को शहद से बने प्रसाद का भोग लगाएं, क्योंकि मां को शहद अत्याधिक प्रिय है. भोग लगाने के बाद प्रसाद का वितरण करें.

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