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वादे हैं वादों का क्या: शराबबंदी की घोषणा, 7 नई दुकानों का उद्घाटन, लॉकडाउन में भी 2400 करोड़ की बिक्री

कोरोना जिसने सबकुछ बर्बाद कर दिया. अर्थव्यवस्था, जीडीपी, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, खेती-किसानी से लेकर उद्योग जगत तक, लेकिन इन सबके बीच एक व्यापार बचा रहा, जो कोरोना को मात देकर और तेजी से उभरा. कई दिनों के लिए इसकी बिक्री पर रोक लगाई गई थी, लेकिन जिस दिन दुकानें खुलीं, तमाम रिकॉर्ड को तोड़ते हुए बिक्री नई ऊंचाई पर पहुंच गई. हम बात कर रहे हैं शराब की.. छत्तीसगढ़ में कोरोना काल में शराब की जितनी बिक्री हुई है, उससे ऐसा लगता है कि अकेले इसी ने गिरती अर्थव्यवस्था को उठाने का जिम्मा अपने सिर उठा लिया हो. देखिये खास रिपोर्ट...

liquor sales broke all records during corona in chhattisgarh
शराब बिक्री ने तोड़ा रिकॉर्ड

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Published : Sep 11, 2020, 2:27 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में 1 जनवरी 2020 से अगस्त 2020 तक 2 हजार 400 करोड़ रुपए की शराब लोग डकार गए हैं. अर्थव्यवस्था के लिए तो ये बेहतर हो सकता है, लेकिन इसकी अंधाधुंध खपत ने विपक्ष के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं की नींद उड़ा दी है. अब इसे लेकर छत्तीसगढ़ में भी सियासत तेज हो गई है.

कांग्रेस सरकार में खुली 7 नई शराब दुकानें

शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस ने सरकार में आते ही 7 नई दुकानें खोल दीं, जिससे विपक्ष और हमलावर हो गया. बताते हैं कि सरकार ने प्रीमियम शराब दुकान के साथ रायपुर में 4, बिलासपुर, धमतरी और राजनांदगांव में एक-एक शराब दुकान खोली है, जिसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं चिंता जताई है.

शराब बिक्री ने तोड़ा रिकॉर्ड

बिलासपुर में 38 लाख 36 हजार 380 लीटर शराब की बिक्री

छत्तीसगढ़ में जनवरी से अगस्त तक 2 हजार 400 करोड़ की शराब की बिक्री हुई है. इसमें सबसे ज्यादा शराब की खपत प्रदेश की राजधानी रायपुर में हुई है. यहां मदिराप्रेमी 905 करोड़ 98 लाख रुपए की शराब गटक गए. देशी और विदेशी शराब मिलाकर 93 लाख लीटर की शराब की खपत हुई है. इधर बिलासपुर में शराबप्रेमी कुल 38 लाख 36 हजार 380 लीटर शराब पी गए हैं. जिसकी कीमत 2 अरब 28 करोड़ 45 लाख आंकी जा रही है. कोरोना काल में भी शराब की खपत नहीं घटी है.

छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री

2 करोड़ 19 लाख लीटर की देसी शराब की बिक्री

छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देसी शराब की बिक्री हुई है. 8 महीने में 2 करोड़ 19 लाख लीटर की देसी शराब की बिक्री हुई है. इसके अलावा 1 करोड़ 53 लाख लीटर स्प्रिट और 86 लाख 38 हजार लीटर मॉल्ट की बिक्री हुई है. पूरे प्रदेश में सबसे कम शराब बिक्री बलरामपुर जिले में हुई है. यहां कुल 52 हजार 943 लीटर की शराब बिकी हुई है, यानी 4 करोड़ 72 लाख रुपए की शराब बिकी है.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताई चिंता

शराब की रिकॉर्ड बिक्री को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि प्रदेश में सरकार बनेगी, तो शराबबंदी की जाएगी, लेकिन अब 2 साल होने के बाद भी इसे लेकर किसी तरह की कोई पहल होती नहीं दिख रही है. शराबबंदी की बात की जा रही है, तो कम से कम खपत तो कम होनी चाहिए. रेवेन्यू का कलेक्शन कम होना चाहिए, लेकिन खपत जमकर बढ़ रही है. ऐसे में आम जनहित को लेकर सरकार ठोस कदम नहीं उठा पा रही है.

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