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धान खरीदी को लेकर एकबार फिर नेता प्रतिपक्ष नाखुश, कहा-सरकार छुड़ाना चाह रही है अपना पीछा

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Published : Nov 23, 2021, 4:38 PM IST

Updated : Nov 23, 2021, 5:03 PM IST

एक दिसंबर से शुरू होने वाले धान खरीदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने एक बार फिर सरकार को घेरा है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि धान खरीदी को लेकर सरकार की अभी भी कोई तैयारी नहीं हुई है. बोरे को लेकर अभी भी सरकार सारा ठीकरा केंद्र पर फोड़ हो रही है. सरकार के पास बोरी तक नहीं है.

Dharamlal Kaushik statement
धरमलाल कौशिक का बयान

रायपुरःएक दिसंबर से शुरू होने वाले धान खरीदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक बार फिर सरकार को घेरा है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि धान खरीदी को लेकर सरकार की अभी भी कोई तैयारी नहीं हुई है. बोरे को लेकर अभी भी सरकार सारा ठीकरा केंद्र पर फोड़ हो रही है. सरकार के पास बोरी तक नहीं है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया और यहां के सरकार के द्वारा बोरे को लेकर पिछले समय भी राजनीति की गई. बार-बार जनता के बीच में भ्रम फैलाया गया कि केंद्र सरकार बोरा उपलब्ध नहीं करा पा रही है और अंततः विधानसभा में जवाब आया कि बोरा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ सरकार की है यह मंत्री ने जवाब दिया. समय पर डिमांड भेजना बैठक करना एडवांस राशि (advance amount) भेजना उसके बाद बोरे की प्राप्ति करना केवल छत्तीसगढ़ ने पूरे हिंदुस्तान में जुट कमिश्नर के द्वारा बोरा उपलब्ध कराया जाता है.

धरमलाल कौशिक का बयान

ऐसी स्थिति में सबको मालूम है कि एक साथ बोरे की आवश्यकता पड़ती है तो राज्य अपने डिमांड के अनुसार में आवश्यकता के अनुसार बोरे प्राप्त करते हैं. छत्तीसगढ़ के सरकार तब तक सोई रहती है. आज जो मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था (Law and order) के स्थिति की बात कह रहे हैं. वास्तविक तौर पर छत्तीसगढ़ सरकार का काम है कि किसानों का धान खरीदे. इसके लिए अगर कुछ गड़बड़ होती है तो इसे छत्तीसगढ़ सरकार की विफलता मानी जाएगी. राजनीति करने के बजाए आप कैसे बोरा उपलब्ध करा सकते हैं? इसके लिए तैयारी करना चाहिए. हर बात पर केंद्र पर आरोप लगाना छोड़ें.

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सरकार पर वादों से मुकरने का आरोप

अपनी जवाबदारी से छत्तीसगढ़ की सरकार भागना चाहती है. किसानों के धान खरीदने में कहीं ना कहीं कोताही बरती है. पहले भी 1 नवंबर से धान की खरीदी होती थी बोरा मिल जाता था लेकिन 1 दिसंबर से धान खरीदी की बात आती है तब भी बोरा उपलब्ध क्यों नहीं हो रहा है? निश्चित रूप से कहीं ना कहीं गैप हो रहा है और यह स्थिति मुझे लगता है जान -बूझकर के सरकार करती है ताकि किसानों का धान समय पर लेना ना पड़े. आज हमारे छत्तीसगढ़ के किसान धान को 1300, 1400 में बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं. किसानों का 2500 रुपए का समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है. केंद्र सरकार जो किसानों को समर्थन मूल्य मिलना चाहिए, घोषित है, उससे वह वंचित है. यह जवाबदारी छत्तीसगढ़ की सरकार की है कि उसकी भरपाई वो कैसे करेंगे, उन्हें यह सोचना चाहिए. इसलिए बोरे पर राजनीति को छोड़कर के किसानों का धान खरीदे.

Last Updated : Nov 23, 2021, 5:03 PM IST

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