रायपुरः प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर (third wave of corona ) का खतरा लगातार मंडरा रहा है. हालांकि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में दिनोंदिन कमी आ रही है, लेकिन संदिग्ध मरीजों की संख्या अभी भी चिंता का सबब बनी हुई है. इस पर काबू पाने के लिए प्रदेश में कोविड टेस्टिंग बड़े पैमाने पर बढ़ा दी गई है. वहीं अगर वैक्सीनेशन की बात करें तो प्रदेश में वैक्सीन की भी कमी (lake of vaccine in chattisgarh ) है. जितनी तेजी से वैक्सीनेशन का काम किया जाना चाहिए था, उतनी तेजी से वह हो नहीं पा रहा है. डॉक्टरों के अनुसार अभी तक जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है, तीसरी लहर से उनको ज्यादा खतरा है.
छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की कमी से कई लोगों को दूसरी डोज नहीं लग पा रही 78 लाख लोग अभी तक सेकंड डोज से वंचित
वैक्सीन की पहली डोज लेने वालों की संख्या सेकंड डोज लेने वालों से कई गुणा ज्यादा है. अब तक प्रदेश में कुल 1 करोड़ 30 लाख 62 हजार 488 लोग वैक्सीन ले चुके हैं. इनमें से 1 करोड़ 4 लाख 23 हजार 742 लोगों ने पहली डोज ले ली है. जबकि दोनों डोज लेने वालों की संख्या महज 26 लाख 38 हजार 746 है. लगभग 78 लाख लोग अभी तक सेकंड डोज से वंचित हैं. वैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण अधिकांश लोग अभी तक सेकंड डोज नहीं लगा पा रहे हैं. रायपुर की बात करें तो अभी तक रायपुर में 70.93% लोग वैक्सीन ले चुके हैं. इनमें से 20.11% लोगों ने ही दोनों डोज लिये हैं.
Number of people taking second dose of corona vaccine in Chhattisgarh is very less कर्नाटक में बच्चों के लिए काल बना कोरोना, पिछले पांच दिनों में 242 मासूम संक्रमित
कोरोना से बचाव के लिए दोनों डोज जरूरी
ICU डिपार्टमेंट के हेड ओपी सुंदरानी ने बताया कि 'वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद एंटीबॉडी बेहतर होगी, यह तय है. लेकिन एंटीबॉडी (antibody कितनी भी अच्छी हो, अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे तो संक्रमण का खतरा तो बना ही रहेगा. लोगों को ये समझना होगा कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है. हमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए, जब तक हम वैक्सीनेशन का एक अच्छा टारगेट अचीव नहीं कर लेते. भारत बहुत बड़ा देश है सबको जल्दी वैक्सीन लगाना आसान नहीं है. हमारे एक स्टेट की पॉपुलेशन कई यूरोपियन देश के बराबर है. जब तक टारगेट अचीव नहीं हो जाता, तब तक सावधानी जरूरी है. हमारे पास कोई स्ट्रांग डाटा नहीं है कि एक डोज लगने के बाद शरीर में कितनी इम्यूनिटी डेवलप होती है. दोनों डोज के बाद तो शरीर में एंटीबॉडीज डेवलप होती ही है, यह हमें पता है'.
Number of people taking second dose of corona vaccine in Chhattisgarh is very less सेकंड डोज की डेट बीत जाने के बाद भी वैक्सीनेशन जरूरी
वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद सेकंड डोज लगाने के समय वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं होता. गाइड लाइन के हिसाब से जो सेकंड डोज लोगों को 30 दिन में लगना था, कई बार उसमें डेढ़ से 2 महीने की भी देरी हो जाती है. ऐसे में ओपी सुंदरानी ने बताया कि 'सेकंड डोज हमें 2 महीने बाद या 3 महीने बीत जाने के बाद भी लगाना जरूरी है. शरीर में इससे एंटीबॉडी बनती है और यह बूस्टर का काम करता है'.
'वैक्सीन की कमी से हो रही परेशानी'
रायपुर की CMHO मीरा बघेल ने बताया कि वैक्सीनेशन की भाग-दौड़ अब केंद्र सरकार ने अपने हाथों में ले ली है. प्रदेश में जिस हिसाब से वैक्सीन आ रही है, लोगों को तत्काल लगाई जा रही है. लेकिन वैक्सीनेशन की कमी तो अभी भी है. जैसे-जैसे वैक्सीन आती जाएगी, लोगों को लगाई जाएगी. लोगों को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेट करने की हम हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा अब वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में जागरूकता भी देखने को मिल रही है.