रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कृष्ण जन्माष्टमी (janmastami 2022) पर कृष्ण कुंज का लोकार्पण किया. उन्होंने राजधानी रायपुर के कृष्ण कुंज (krishna kunj chhattisgarh ) में कदम्ब का पौधा लगाया. तेलीबांधा में बनाए गए कृष्ण कुंज के 1.68 हेक्टेयर में 383 पौधे लगाए गए हैं. कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के पौधे लगाए गए हैं. कृष्ण कुंज में जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी के पौधे भी लगाए गए हैं. प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 162 स्थानों के कृष्ण कुंज में पौधारोपण किया गया है. वृक्षारोपण को जन जन से जोड़ने, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए कृष्ण कुंज नाम दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कृष्ण के रास्ते पर चलने को कहा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''भगवान श्री कृष्ण ने लोगों को कर्मवादी बनाने का उपदेश दिया. भगवान श्री कृष्ण ने जिन बातों का उपदेश दिया, उन्हें स्वयं भी जीया. वे सही मायने में हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं. कृष्ण कुंज में धर्मिक महत्व के वृक्ष बरगद, पीपल, आंवला, कदम्ब के साथ-साथ औषधि के रूप में उपयोगी हर्रा, नीम जैसे कई पेड़ लगाए जाएंगे. भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर आज ऐसे ही धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व के वृक्षों को सहेजने के लिए, उनसे निकटता बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ में कृष्णकुंज योजना की शुरुआत की जा रही है.'' मुख्यमंत्री ने कृष्ण कुंज के पास शराब दुकान हटाने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्री कृष्ण का रूप धरे बच्चे को गोद मे उठाकर मटकी फुड़वाई :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि''भगवान कृष्ण के अनेक नाम हैं माखनचोर, रणछोड़, द्वारिकाधीश. माताएं अपने बच्चों को सदैव भगवान कृष्ण के रूप में देखती हैं. हमारे छत्तीसगढ़ में बच्चे सबसे पहला कोई उपवास रखते हैं तो वह जन्माष्टमी का होता है. भगवान श्री कृष्ण अर्थशास्त्री भी थे. उन्होंने कृषि से गौपालन को जोड़ा था. छत्तीसगढ़ में हमने गौपालन का कार्य शुरू किया है. गांव और शहर में गौठान बना रहे हैं. गोबर और गौमूत्र खरीदने का कार्य भी कर रहे हैं. गौमाता की सेवा के साथ स्वच्छता का कार्य भी सरकार कर रही है.''