रायपुरःकाशी के फूल खिलने का मतलब वर्षा ऋतु (Rainy Season) के खत्म होने का संकेत माना जाता है. रायपुर में अनुभवी लोगों (experienced people) को विश्वास है कि खेत, खेल के मैदान, खाली प्लाट या फिर जंगल के इलाकों में काशी के फूल दिखे, समझ जाना चाहिए कि बारिश का मौसम चला गया. इधर, मौसम विभाग ने कहा है कि अभी तो बारिश का मौसम खत्म ही नहीं हुआ है. हां, बारिश कम जरूर हुई है.
काशी के फूल का वर्णन रामायण (Ramayana) के किष्किंधा कांड (kishkindha kand) में है. भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण (Ram and Lakshmana) से कहते हैं कि देखो लक्ष्मण चारों ओर काशी के फूल (flowers of kashi) खिल उठे हैं. प्रकृति (Nature) ने सफेद चादर ओढ़ रखी है और बारिश का अब बुढ़ापा आ गया है.
काशी फूल को देख किसानों की बढ़ जाती है चिंता
काशी के फूल को लेकर हमने कुछ जानकारों से बात की थी. उन्होंने बताया कि काशी के फूल खेत के मेंढ़, भाठा, जमीन या बंजर जमीन में खिलते हैं. एक तरह से यह घास की प्रजाति के होती है. यह फूल सफेद रंग का होता है. काशी के फूल खिलने से बारिश का मौसम समाप्त हो गया है, ऐसा माना जाता है. अगर समय से पहले काशी का फूल खिल उठता है तो किसानों की भी चिंताएं बढ़ जाती हैं और उन्हें आकाल और सूखा (famine and drought) पड़ने का डर सताने लगता है.