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छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारी महासंघ फिर देगा धरना - Chief Minister Bhupesh Baghel

अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर अनियमित कर्मचारी महासंघ ( Irregular Employees Federation will again picket in Chhattisgarh) धरना प्रदर्शन करने वाला है.

छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारी महासंघ फिर देगा धरना

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Published : Jun 2, 2022, 7:05 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ (Chhattisgarh United Irregular Employees Federation) प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की मांग पर अड़ा है. लेकिन सरकार के वादे अब तक पूर्ण नहीं हुए है. जिसके विरोध में 3 जून को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इस एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के माध्यम से अनियमित कर्मचारी संघ कांग्रेस सरकार को समय-सीमा में प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की कार्रवाई करने के लिए चेतावनी दी जाएगी. सरकार के किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने पर 1 सितम्बर 2022 से पूर्ण कामबंदी के साथ अनिश्चितकालीन आन्दोलन किया जाएगा.



कैसे होगा प्रदर्शन :अनियमित कर्मचारी संघ के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू का कहना है कि ''3 जून को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन राजधानी के बूढ़ा तालाब में किया जाएगा. जहां पर 36 से अधिक अनियमित कर्मचारी संगठन के लाखों अनियमित कर्मचारी एक दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन (
protest by taking casual leave) करेंगे. जो अनियमित कर्मचारी रायपुर नहीं पहुँच पाएंगे. वह भी अवकाश लेकर इस धरना प्रदर्शन का समर्थन करेंगे.''




क्यों हो रहा है आंदोलन :छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने कहा कि ''हम सरकार को चेतावनी देने जा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी का 10 दिन में नियमितीकरण का वादा जो साढ़े 3 साल में भी पूरा नहीं हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) का वादा 1 साल बाद नियमितीकरण करेंगे, जो आज तक पूरा नहीं हुआ. पिछले 3 साल में नियमितीकरण के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट पूरी नहीं हुई है. पिछले 3 साल में सरकार कर्मचारियों का डाटा इकट्ठा नहीं कर पाई है.''


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अनियमित कर्मचारी क्यों हैं खफा :पिछले तीन विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ने नियमितीकरण की बात स्वीकारी है. लेकिन वादा आज भी अधूरा है.आउटसोर्सिंग बंद नहीं हुई. कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन वृद्धि रोक दी गई है. घोषणा पत्र में छंटनी नहीं करने का वादा था लेकिन कई विभागों से छटनियां कर दी गई है. इससे अनियमित कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.

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