रायपुर : जांजगीर-चांपा जिले के पिरहिद गांव के बोरवेल में पिछले 100 घंटे से ज्यादा देर से फंसे राहुल को आखिरकार रेस्क्यू कर लिया गया है. 11 साल के राहुल को सुरक्षित रेस्क्यू करने के बाद बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. फिलहाल डॉक्टरों का कहना है ''100 घंटे से ज्यादा बोरवेल में फंसे रहने की वजह से और बोरवेल में कंधों तक पानी में लंबे समय तक डूबे रहने के कारण स्किन में इंफेक्शन होने का डर है. लिहाजा राहुल को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है और 48 घंटे तक कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन इतने लंबे समय तक छोटे बच्चे के बोरवेल में रहने वाले राहुल की आखिर मनोदशा कैसी रही होगी. आखिर किस तरह राहुल ने 100 घंटों से ज्यादा सरवाइव (How Rahul of Janjgir won the battle of life)किया. इस बारे में ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता से खास बातचीत की.
मौत को मात देने वाला जांजगीर का राहुल, जानिए क्यों जीती जिंदगी की जंग ?
जांजगीर चांपा में राहुल ने 105 घंटे बोरवेल के अंदर रहकर मौत को मात दी है. ऐसे में अब ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि राहुल ने किस तरह इतनी मुश्किल घड़ी में सर्वाइव (How Rahul of Janjgir won the battle of life) किया.
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राहुल को किस चीज का है खतरा :एक्सपर्ट राकेश गुप्ता ने बताया "अगर आप थोड़ी देर तक पानी में हाथ डूबे रखेंगे तो पानी में अपने आप हाथ से स्किन निकलने लगेगी. वहीं अगर हाथ में पहले से कट रहा तो पानी अंदर घुसने का भी खतरा रहता है. जिसे स्किन इन्फेक्शन और ज्यादा खतरनाक हो सकता (Rahul Sahu at risk of skin infection) है. ऐसे में राहुल 100 घंटे से ज्यादा पानी में रहा है इस वजह से राहुल में स्किन इन्फेक्शन का खतरा है.अपोलो के डॉक्टरों ने राहुल को ऑब्जर्वेशन में रखा है। अगला 48 घंटा राहुल के लिए काफी क्रिटिकल रहने वाला है।"
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Rahul survived for five days