छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी अधिकारियों का DA HRA बढ़ा तो कितना फायदा होगा, जानिए
छ्त्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल चल रही है. सरकार से फेडरेशन सातवें वेतनमान के मुताबिक HRA DA की मांग पर अड़ा है. यह भी समझना जरुरी है कि इससे कर्मचारी और अधिकारी वर्ग को कितना नुकसान हो रहा है और अगर उनकी मांगें मान ली जाती है तो उन्हें कितना फायदा होगा.
छ्त्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल का
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Published : Aug 25, 2022, 1:33 PM IST
रायपुर :छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Officer Employees Federation) के बैनर तले प्रदेश 4 लाख 7 हजार 862 कर्मचारी और अधिकारी डीए बढ़ाने को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Chhattisgarh government officers employees strike ) पर हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 6% डीए बढ़ाया है. इसके बावजूद भी कर्मचारियों की मांग है कि राज्य सरकार केंद्र के समान देय तारीख से 34% महंगाई भत्ता (demand of hra da from the government) दे.
छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी अधिकारियों का DA HRA बढ़ा तो कितना फायदा होगा
क्यों चल रहा है आंदोलन : प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि " ये हमारी 2 सूत्रीय मांग नहीं हमारा मौलिक अधिकार है. केंद्र के समान हमें गृह भाड़ा भत्ता जो हमें छठवें वेतनमान के अनुसार दिया जा रहा है. हमें सातवें वेतनमान के अनुसार चाहिए. सबसे बड़ी हमारी मांग महंगाई भत्ते को लेकर है. केंद्र सरकार ने 34% महंगाई भत्ता किया है. हमें 22% महंगाई भत्ता मिल रहा है.जो अंतर का 12 प्रतिशत महंगाई बताया है.वह एरियस के हिसाब से चाहिए." कर्मचारियों को कितना हो रहा नुकसान : स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पंकज पांडे ने बताया " छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की करोड़ों रुपए की राशि का नुकसान हो रहा है . 2020 से लेकर 2022 तक DA का एरियस सरकार ने कर्मचारियों को नही दिया है. हमारी दूसरी मांग है कि हमें सातवें वेतनमान के स्थान पर सातवें वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता देवे.''
हर माह कितने रुपए का नुकसान :
श्रेणी
बेसिक
22% DA
34% DA
अंतर
चतुर्थ
15600
3432
5304
1872
तृतीय
19500
4290
6630
2340
तृतीय
34800
7656
11832
4176
द्वितीय
56100
12342
19074
6732
द्वितीय
67300
14806
22882
8076
द्वितीय
71000
15630
22140
8520
(प्रतिमाह हो रहा नुकसान)
कैसे हो रही है कटौती :छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संभाग प्रभारी कैलाश चौहान ने बताया कि '' राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की है. जिसके कारण कर्मचारी वर्ग नाराज है और हड़ताल करने पर मजबूर (seventh pay scale ) है.
पहला चरण :केंद्र शासन ने 1 जनवरी 2019 के 12% महंगाई भत्ता में 5% वृद्धि कर 1 जुलाई 2019 से 17% महंगाई भत्ता घोषित किया था. लेकिन राज्य शासन ने 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता में 5% वृद्धि किया.जिसके कारण 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक 2 साल प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों को कुल वेतन भाग में 5% कटौती किया है.
दूसरा चरण:केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2020 को 4%, 1 जुलाई 2020 को 3 % और 1 जनवरी 2021 को 3%वृद्धि की जो कुल 11 % डीए में वृद्धि हुई. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का 17% से 28% डीए को 1 जुलाई 21 से प्रभावशील किया था. लेकिन राज्य शासन द्वारा डीए में 5% की वृद्धि 1 मई 2022 से करने के कारण 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक कुल 10 माह में 17% कटौती वेतन भाग में किया है.
तीसरा चरण:केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34% डीए मिल रहा है और राज्य के कर्मचारियों को 22 % डीए मिल रहा है. जो कि 1 मई 22 से प्रभावशील है. जिसके कारण राज्य के प्रत्येक कर्मचारी-अधिकारी के मासिक वेतन में 12% कटौती 1 मई 22 से आज पर्यन्त प्रतिमाह हो रही है. जो सरासर अन्याय है.
आर्थिक क्षति का चौथा चरण 6% DA की घोषणा :छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के कैलाश चौहान ने बताया " राज्य शासन ने डीए 22% में 6% वृद्धि कर 28% किया है. जो 1 अगस्त 2022 से प्रभावशील किया है. लेकिन केंद्र शासन ने 28% डीए 1 जुलाई 2021 (देय तिथि) से प्रभावशील है. जिससे राज्य सरकार ने पुनः 13 माह के अवधि में राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के वेतनभाग में 6% कटौती की है.''
HRA का गणित :छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संभाग प्रभारी कैलाश चौहान ने बताया " राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता दिया जाना चाहिए. लेकिन राज्य सरकार 1 जनवरी 2016 से छठवें मूल वेतन पुरानी दर के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता दे रही है. राज्य में कर्मचारियों को पुराना प्रचलित दर 10% एवं 7% है जो कि शहर वर्गीकरण अनुसार सातवे वेतनमान में फिलहाल 18% एवं 9% है.
उदाहरण के तौर पर 7 वां मूल वेतन 25000 रुपए HRA मिलना था. लेकिन राज्य सरकार छठवां वेतनमान के 9728 पर 10% 973 रुपए और 7% 681 रुपए दे रही है. जबकि कर्मचारियों को सातवें वेतन मान 25000 रुपए के अनुसार 18% 4500 रुपए और 9% 2250 रुपए मिलना चाहिए था.राज्य के कर्मचारी सातवें वेतनमान 25000 के अनुसार 10% 2500 रुपए और 7 % 1750 रुपए गृह भाड़ा भत्ता (HRA)मांग रही है. संभागीय प्रभारी ने बताया कि "राज्य सरकार HRA के मामले में कर्मचारियों के हक का न्यूनतम 43.6 करोड़ रुपए प्रतिमाह भुगतान नहीं कर रही है.(यह गणना केवल मूल वेतन 25000 से की गई है) राज्य सरकार से हमारी मांग छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवें वेतनमान में भाड़ा भत्ता स्वीकृत करने की है और हमें हमारे हक की राशि चाहिए.''