रायपुरःझीरम घाटी कांड (Jhiram Ghati incident) को लेकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (Home Minister Tamradhwaj Sahu) ने कहा कि 28 मई को जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अगुवाई में जांच कमेटी (inquiry committee) बनी और 3 महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया. तय सीमा में जांच नहीं हो पाई और लगातार तारीख पर तारीख बढ़ता गया. 20 बार तारीख बढ़ाया गया. 23 सितम्बर 2021 को राज्य सरकार को पत्र लिख कर मांग की गई कि फिर से तारीख बढ़ाया जाए. 6 नवंबर 2021 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को दे दी. वह प्रदेश कांग्रेस भवन (Pradesh Congress Bhawan) में मंत्री रविन्द्र चौबे के साथ प्रेस को संबोधित कर रहे थे.
आयोग ने नियम के विपरीत रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी हैं. जबकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपना था. गृहमंत्री ने कहा कि बीजेपी नेता कांग्रेस नेताओं को कहते हैं कि वो डर रहें है, लेकिन हम डरेंगे क्यों, क्योंकि हमने तो अपने बड़े नेता इस कांड में खोया है. इस मामले पर मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि झीरम घाटी कांड की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने के बाद बीजेपी को लगता है कि बड़ा मामला हाथ लग गया है.
षड्यंत्र का हो खुलासा
रविन्द्र चौबे ने कहा कि डी पुरंदेश्वरी और डॉ रमन सिंह कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं कि हम कुछ छुपाना चाहता हैं लेकिन हम तो चाहते हैं कि इस षड्यंत्र के पीछे किसका हाथ है, वह सामने आना चाहिए. रविन्द्र चौबे ने कहा कि गरियाबंद की घटना के बाद हमने नन्दकुमार पटेल की सुरक्षा क्यों नहीं बढाई. रविन्द्र चौबे ने डॉ. रमन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी भाजपा जनता पार्टी इस मामले से दूर नहीं हो सकती.