रायपुर :छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है जहां एक निचली अदालत ने इस्लामिक कोर्ट के फैसले में ऐतिहासिक निर्णय लिया है. अदालत ने इस्लामिक कोर्ट के तलाक वाले फैसले को शून्य घोषित कर दिया. मामला रायपुर का है. जहां विद्यानगर के इदारा ए शरिया (Idara e Sharia Raipur) नामक इस्लामिक कोर्ट ने तलाक को लेकर एक फैसला सुनाया था. इस फैसले के खिलाफ प्रार्थी ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था. जिसमे कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया.
रायपुर में निचली अदालत का ऐतिहासिक फैसला, इस्लामिक कोर्ट के निर्णय को घोषित किया शून्य
रायपुर की जिला अदालत ने इस्लामिक कोर्ट के फैसले को शून्य घोषित (Raipur district court verdict) किया है. इस्लामिक कोर्ट ने साल 2015 में तलाक को लेकर फैसला सुनाया था.
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कब का है मामला : इदारा ए शरिया इस्लामिक कोर्ट ने 27 मार्च 2015 को सैयद हैदर अली का उसकी पत्नी रेशमा शेख से तलाक कराया था. इस फैसले से हैदर खुश नहीं था. उसने तलाक के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट में लोक अभियोजक केके शुक्ला ने परिवाद दायर किया. जिसमे कोर्ट ने दोनों ही पक्षों को सुना. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुना (Raipur Islamic Court decision declared void ) दिया. कोर्ट के मुताबिक इदारा ए सरिया का काम सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों के अलावा आपसी विवाद को खत्म करने का है. लेकिन किसी भी परिवार में तलाक के फैसले ये कोर्ट नहीं सुना सकता. लिहाजा इस्लामिक कोर्ट के फैसले को शून्य घोषित किया गया.