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हरनी चतुर्थी 2022: भक्तों के लिए फलदायी होगा संकष्टी चतुर्थी व्रत

हरनी चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. प्रथम संकष्टी चतुर्थी व्रत 21 जनवरी 2022 शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. मघा नक्षत्र, सौभाग्य योग, विषकुंभकरण सिंह के चंद्रमा और माघ कृष्ण पक्ष की शुभ बेला में संकष्टी चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.

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Published : Jan 19, 2022, 7:50 AM IST

Updated : Jan 19, 2022, 8:14 AM IST

Harni Chaturthi 2022
हरनी चतुर्थी 2022

रायपुरः संकट हरने वालों में प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवान का नाम प्रथम पंक्ति में लिया जाता है. आज हम बात करेंगे संकट हरनी चतुर्थी के बारे में. यह पूरे देश में संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है. 2022 का प्रथम संकष्टी चतुर्थी व्रत 21 जनवरी 2022 शुक्रवार के शुभ दिन मनाया जाएगा. यह यंत्र स्वस्थ घटन धान्य चेतन करण मर्दन का भी शुभ मुहूर्त है. मघा नक्षत्र सौभाग्य योग विषकुंभकरण सिंह के चंद्रमा और माघ कृष्ण पक्ष की शुभ बेला में संकष्टी चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.

हरनी चतुर्थी 2022

आज के शुभ दिन मंगल धनु बुध मकर गुरु कुंभ शुक्र धनु और शनि मकर राशि में रहेंगे राहु का प्रभाव वृषभ राशि में रहेगा. नए कार्य को प्रारंभ करने के लिए यह शुभ दिन है. नया बैंक अकाउंट खोलना, नया व्यवसाय, नई पार्टनरशिप, नए वाहन, संपत्ति, जमीन-जायदाद आदि खरीदने के लिए भी यह शुभ दिन माना गया है. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनित शर्मा ने बताया कि आज के शुभ दिन प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा की जाती है. भगवान श्री गणेश को आस्था और सम्मान के साथ दूब की माला चढ़ाई जाती है.

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विधि विधान से करें गणेश जी की पूजा

सर्वप्रथम लाल अथवा पीले कपड़े में गणेश जी को विधिपूर्वक स्थापित किया जाता है. चार बार जल से गणेश जी को स्नान कराया जाता है. इसके उपरांत पुष्प, अक्षत, तिलक आदि से गणेश जी का अभिषेक किया जाता है. अबीर, गुलाल, सिंदूर, बंदन, चंदन परिमल आदि से भी प्रथमेश श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है. गणेश जी को मोदक के लड्डू बड़े प्रिय हैं. बेसन अथवा आटे के लड्डू भी चढ़ाए जा सकते हैं. अनेक स्थानों पर श्री लंबोदर महाराज को मगज के लड्डू भी चढ़ाए जाते हैं. तुलसी दल तुलसी पत्र मंजरी आदि भी श्री विघ्नहर्ता जी को प्रिय हैं, एकदंत भगवान को ऋतु फल जैसे केला संतरा नारंगी मोसंबी अंगूर और विभिन्न रितु फलों का भोग लगाया जाना चाहिए.

पंडित विनित शर्मा ने बताया कि आज के शुभ दिन संध्या काल में चंद्र दर्शन कर व्रत को पूर्ण किया जाता है. आज के शुभ दिन निराहार रहकर व्रत करना अच्छा माना गया है. गणेश जी को सजाते समय यह ध्यान रखें कि केले के पत्ते से मंडप का सिंगार करें. जितना सुंदर, जितना पवित्र भाव से यह पूजा पाठ की जाएगी, संकट हरण श्री गणेश जी का आशीर्वाद भक्तों के लिए फलदायी होगा. आज के दिन अथर्व शीर्ष गणेश चालीसा गणेश सहस्त्रनाम गणेश जी की आरती करना कल्याणकारी माना गया है.

Last Updated : Jan 19, 2022, 8:14 AM IST

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