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'हरेली तिहार': आज पशुधन और कृषि उपकरणों की पूजा के साथ शुरू हुआ त्योहारों का सिलसिला

आज छत्तीसगढ़ में हरेली का त्योहार मनाया जा रहा है. पशुधन और कृषि उपकरण की पूजा कर हरियाली और सुख समृद्धि की कामना की जाएगी. रायपुर के ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्री विनीत शर्मा ने बताया कि इस दिन शुभ पुष्य नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. जो कि काफी अच्छा माना जाता है.

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विनीत शर्मा ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्री

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Published : Aug 7, 2021, 10:59 AM IST

Updated : Aug 8, 2021, 11:47 AM IST

रायपुर: आज श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या है. इस दिन हरेली (Hareli) त्योहार मनाया जाता है. इस दिन को देव पितृ कार्य अमावस्या, दर्श अमावस्या, हरेली अमावस्या और चितलागी अमावस्या भी कहा जाता है. हरेली त्योहार छत्तीसगढ़ का सबसे पहला और प्रमुख त्योहार माना गया है. हरीतिमा हरियाली और प्रकृति प्रेम के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व है. पशुधन, कृषि उपकरण और गेड़ी इस त्योहार की खासियत है. कुशावर्त की भूमि में प्रकृति के स्वागत के लिए इस शुभ पर्व को समाज के हर वर्ग के लोग उमंग, उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं. इस दिन कुलदेवता और इष्ट देवता को याद कर पूजन किया जाता है.

रायपुर के ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्री विनीत शर्मा (Vineet Sharma Astrologer and Vastu Shastra ) बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के सबसे प्रथम तिहार हरेली (Hareli Tihar) के दिन पशुधन की पूजा का विधान है. बैगा के यहां से अनुकूल औषधि लाकर गौ माता को खिलाया जाता है. इस औषधि को चावल आटे की गोली बनाकर खिलाया जाता है. इस दिन किसान अपने प्रेम को प्रकृति और पशुधन से साझा कर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं. इस दिन किसान नागर, गैंती, रापा, टंगिया आदि कृषि उपकरणों को मान्यता देते हुए पूजा करते हैं. यह त्योहार बच्चों के लिए भी बहुत आनंद और उत्सव लेकर आता है.. इस दिन बच्चे बांस की बनी हुई गेड़ी का आनंद लेते हैं. गेड़ी का चालन सावधानीपूर्वक करना उचित रहता है. बच्चे बूढ़े जवान सभी इस गेड़ी का उत्साह के साथ आनंद लेते हैं.
विनीत शर्मा ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्री

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हरेली के पवित्र दिन चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में विराजमान रहेगा. इस दिन व्यतिपात और श्रीवत्स योग पड़ रहे हैं. चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में विराजमान होकर कर्क राशि में रहेंगे. गुरु कुंभ राशि में वक्रीय होकर विराजमान रहेंगे. शनि ग्रह मकर राशि में विराजमान होकर वक्रीय रहेंगे. राहु ग्रह वृषभ में और केतु ग्रह वृश्चिक में विराजमान रहेगा. इस दिन शुभ पुष्य नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. पुष्य नक्षत्र सबसे श्रेष्ठ नक्षत्र माना जाता है. रवि पुष्य युति इस त्यौहार को अनेक बल प्रदान कर रहा है. मंत्र सिद्धि, तंत्र सिद्धि योग, सिद्धि आदि के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व है.

Last Updated : Aug 8, 2021, 11:47 AM IST

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