रायपुरः शनि प्रदोष का व्रत धनिष्ठा नक्षत्र सुकर्म योग और कौलव तैतिल के सुयोग में मनाया जाएगा. आज के दिन भुनेश्वरी जयंती भी है. इस प्रदोष काल में शनि की भी पूजा (Worship of Shani also) की जाएगी.
भगवान शनि (Lord Shani) को काला तिल (black mole), काला वस्त्र (black dress), लोहे का सिक्का (iron coin) और काली उड़द (black urad) को चढ़ाया जाता है. शनि प्रदोष व्रत संतानहीन जातकों (childless people) के लिए वरदान है.
भगवान शंकर (Lord Shankar) को कनेर, धतूरा, बेल पत्र, शमी पत्र, नीले फूल और दूध का भोग (enjoyment of milk) लगाया जाता है. अनादि शंकर महाराज को पंचामृत से अभिषेक करना शुभ माना गया है. इस प्रदोष व्रत के त्यौहार पर अक्षत मलयाचल का चंदन सिंदूर, अबीर, परिमल आदि चीजें भगवान शिव को अभिषेक के रूप में लगाई जाती हैं. इस दिन शिव चालीसा महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) रुद्री रूद्र अध्याय शिव तांडव (shiv tandav) आदि का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है.