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छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र:  राज्यपाल का अभिभाषण, 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' की तारीफ

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा रखा. राज्यपाल ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं के विकास के लिए कई योजनाओं पर काम किया है. बच्चों को कुपोषण से निकालने के लिए पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया है. सुपोषण अभियानके तहत छत्तीसगढ़ के 24 लाख हितग्राहियों को घर-घर जाकर पोषण किट दिया गया है. 29 लाख बच्चों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट दिया गया है.

Governor address in chhattisgarh vidhan sabha budget session 2021
राज्यपाल का अभिभाषण

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Published : Feb 22, 2021, 1:42 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 3:51 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा रखा. बजट सत्र के पहले दिन अपने राज्यपाल ने अपने संबोधन में राज्य सरकार की बीते साल की तमाम उपलब्धियों को गिनाईं. राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा, उनकी सरकार नये छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए काम कर रही है. गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की कल्पना को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार काम कर रही है.

राज्यपाल का अभिभाषण

राज्यपाल ने कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार की तरफ से जनता को सहयोग देने के लिए धन्यवाद कहा है. राज्यपाल ने कहा, मेरी सरकार कोरोना काल में मजदूरों के खाने-पीने, प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का काम किया है. कोरोना काल के कठिन समय में मेरी सरकार सरकार ने 67 लाख राशन कार्डधारियों को राशन दी है. छत्तीसगढ़ के 57 लाख अंत्योदय कार्डधारियों को चावल और चना दिया गया है. प्रदेश के 57 लाख लोगों को 8 महीने तक राशन दिया गया है. देश के दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है.

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राज्यपाल का अभिभाषण

बीता साल अनेक चुनौतियों से भरा था. रोज कमाने-खाने वाले परिवारों का भोजन और आजीविका, कुपोषण से लड़ रहे परिवारों को निरंतर पोषण आहार प्रदाय, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और उनका पुनर्वास, कोरोना संक्रमण से बचाव और संक्रमित लोगों का उपचार, जनता का मनोबल बनाए रखने के इंतजाम, आर्थिक गतिविधियों की स्वाभाविक गति बनाए रखने जैसे कई परेशानियां सामने आई, लेकिन इन सभी मोर्चों पर छत्तीसगढ़ सरकार खरी उतरी है.

1 हजार से अधिक पंचायतों को दिया गया राशन

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश को कोरोना और आर्थिक मंदी जैसे कठिन दौर से निकालने के लिए सूझबूझ के साथ काम किया. 67 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न दिया गया. प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की सुरक्षित घर वापसी कराई गई है. गांव-गांव में खाद्य सुरक्षा के लिए 11 हजार से अधिक पंचायतों में 2-2 क्विंटल चावल उपलब्ध कराया गया.

29 लाख स्कूली बच्चों को रेडी-टू-ईट दिया गया

छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया. इसके लिए 3 लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों के साथ ही 51 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों के 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषण सामग्री दी गई. मध्याह्न भोजन योजना के तहत 29 लाख से अधिक स्कूली बच्चों को रेडी-टू-ईट सूखा राशन घर-घर जाकर दिया गया. गर्म भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों को 7 सितम्बर 2020 से शुरू कर दिया गया है.

99 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त

छत्तीसगढ़ सरकार एक साल में 99 हजार बच्चों को कुपोषण से और 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्त कराई है. महिलाओं और बच्चों की बेहतर देखरेख और विकास के लिए महतारी जतन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सक्षम योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, स्वावलम्बन योजना, नवा बिहान योजना, स्व-आधार गृह योजना, उज्ज्वला गृह योजना, महिला पुलिस स्वयंसेविका योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजना, महिला शक्ति केन्द्र योजना आदि को सुचारू ढंग से लागू किया गया है. इससे मातृ-शक्ति का मनोबल और स्वावलम्बन बढ़ा है.

95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य

छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार फिर किसानों से किया गया वादा निभाया है. चुनौतियों के बीच सुधार और संकल्प के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई है. इस साल सर्वाधिक 21 लाख 52 हजार 980 किसान पंजीकृत हुए थे. जिनमें से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा है. इस प्रकार नई व्यवस्था और नए संकल्प से छत्तीसगढ़ 95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इन उपलब्धियों से न सिर्फ किसानों के जीवन में बल्कि पूरे प्रदेश में कृषि उत्पादन और खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है.

725 नई समितियां पंजीकृत

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में नए-नए कदम उठाए हैं. इसके कारण इस वर्ष ब्याज मुक्त कृषि ऋण के रूप में 4 हजार 755 करोड़ रुपये की राशि वितरण का नया कीर्तिमान बना है. लगभग 16 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं. प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटी का पुनर्गठन कर 725 नई समितियां पंजीकृत की गई है. अब कुल समितियों की संख्या 1 हजार 333 से बढ़कर 2 हजार 58 हो गई है. एक ओर जहां गन्ना आधारित इथेनॉल प्लांट लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर धान आधारित इथेनॉल प्लांट लगाने की मेरी सरकार की नवाचारी सोच को भी राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन और स्वीकृति मिली है.

किसानों के खाते में डाली गई 4500 करोड़ रुपये

छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान, गन्ना, मक्का सहित 14 फसलें लेने वाले किसानों को सीधी आर्थिक मदद देने का बीड़ा उठाया है. प्रथम वर्ष में तीन किस्तों में 4500 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में डाल दी गई है. शेष लगभग 1200 करोड़ रुपए की अंतिम किस्त का भुगतान भी इसी वित्तीय वर्ष में कर दिया जाएगा.

लघु वनोपज में 72.5 प्रतिशत हिस्से की खरीददारी

कृषि के अलावा वन संसाधन भी प्रदेश की बड़ी आबादी के लिए आजीविका जुटाते हैं. इसलिए मेरी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है. इस कठिन दौर में भी देश की कुल लघु वनोपज खरीदी का 72.5 प्रतिशत हिस्सा खरीदकर छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर रहा. शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की गई है. तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति मानक बोरा तथा बोनस भुगतान की निरंतरता से इस काम में लगे लाखों परिवारों को राहत मिली है.

2 करोड़ 23 लाख पौधों का रोपण

छत्तीसगढ़ सरकार वनों के संरक्षण और हरियाली के विस्तार के लिए सजग है. विगत वर्ष में 2 करोड़ 23 लाख पौधों का रोपण किया गया, जिसमें राम वनगमन पथ, नदियों के किनारे पौध रोपण जैसे नवाचार भी शामिल हैं. 16 हजार हेक्टेयर से अधिक बिगड़े बांस वनों का सुधार किया गया है. कैंपा मद की राशि के सदुपयोग में छत्तीसगढ़ के कामों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है.

मनरेगा के तहत 81 प्रतिशत लक्ष्य पूरा

छत्तीसगढ़ सरकार पंचायत और ग्रामीण विकास के लिए बेहतर काम की है. इसके लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को 11 विशिष्ट पुरस्कारों से नवाजा है. 2019-20 में महात्मा गांधी नरेगा के तहत स्वीकृत मानव दिवस के लेबर बजट का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा किया गया. 2020-21 में भी 81 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. महात्मा गांधी नरेगा में बीते 10 माह में श्रमिकों को अब तक 2 हजार 590 करोड़ रुपये का मजदूरी भुगतान किया गया. इस साल अब तक 2 लाख 17 हजार 291 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है.

20 लाख महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' के तहत कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों की 20 लाख महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है. परंपरागत रोजगार को नए अवसरों में बदलकर अपना, परिवार और गांव का जीवन बदल रही है. सरकार ने राष्ट्रीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पूरी लगन से किया है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ देश में अव्वल रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर रहा है. 86 ग्राम पंचायतों के ओडीएफ प्लस घोषित होने के साथ ही छत्तीसगढ़ इस मापदण्ड में भी देश में दूसरे स्थान पर है. स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश को स्वच्छतम राज्य का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है. 14 नगरीय निकायों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए हैं.

24 नई तहसीलों का गठन

शहरों को झुग्गी मुक्त करने के लिए और गरीबों को बेहतर आवास दिलाने के लिए मोर जमीन-मोर मकान और मोर मकान-मोर चिन्हारी के तहत बेहतर काम किया गया है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में दो साल की प्रगति का उल्लेख है. प्रदेश को देश के प्रमुख सड़क मार्गों से जोड़ने के लिए नई-नई परियोजनाएं स्वीकृत है. बस्तर के बाद बिलासपुर से भी अंतरराज्यीय विमानन सेवा प्रारंभ होने जा रहा है. एक जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, दो अनुभाग तखतपुर, बड़े बचेली और 24 नई तहसीलों का गठन किया है. संभागीय मुख्यालय की तहसीलों को मॉडल तहसील के रूप में विकसित किया जा रहा है.

25 लाख बच्चों को मिला लाभ

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए रेशम-हाथकरघा-बुनकर, हस्तशिल्प विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड, छत्तीसगढ़ माटीकला बोर्ड का भरपूर योगदान मिल रहा है. कोरोना काल में पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के लिए पढ़ाई तुंहर दुआर, पढ़ाई तुंहर पारा, ऑनलाइन कक्षा, मोहल्ला कक्षा, लाउडस्पीकर स्कूल, बूलटू के बोल कार्यक्रम से 25 लाख बच्चों को लाभ मिला है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करने के मामले में सरकार देश में अव्वल रही है.

5 लाख 65 हजार नल कनेक्शन

सरकार ने राज्य के 45 लाख 48 हजार ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति 2023 तक सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है. 5 लाख 65 हजार नल कनेक्शन लगा दिए गए हैं. गिरौदपुरी धाम समूह पेयजल योजना, चंदखुरी पेयजल योजना, सुपेबेड़ा पेयजल योजना, मिनीमाता अमृत धारा जल योजना चलाई जा रही है. 178 नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजनाओं का काम शुरू किया गया था, जिनमें से 125 योजनाएं पूर्ण कर ली गई है.

Last Updated : Feb 22, 2021, 3:51 PM IST

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