Ganesh Chaturthi 2022 Ekdant story: देशभर में गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाया जाता है.गणेश पूजा सिर्फ चतुर्थी के दिन ही नहीं बल्कि किसी भी पूजा पाठ में सबसे पहले करने का विधान है.गणेश जी को कई नामों से भी जाना जाता (Names of Ganesha) है. जैसे गजानन, विघ्नहर्ता, लंबोदर,गणपति,बप्पा और एकाक्षर.इसी तरह गणपति को एकदंत से भी जाना जाता है.लेकिन गणेश जी को कैसे एकदंत की उपाधि मिली.ये भी जानना जरुरी है.पुराणों में इस बात का जिक्र है कि किस तरह से गणपति को एकदंत कहा जाने लगा.
कैसे बने गणेश एकदंत: पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शिवजी के परम भक्त भगवान परशुराम उनसे मिलने के लिए कैलाश गए. इस समय भगवान शिव ध्यान में मग्न थे. ध्यान में जाने से पहले गणेश को शिवजी ने कहा था कि किसी के भी आने पर गुफा में प्रवेश ना करने दें.इस आज्ञा के बाद गणपति गुफा के द्वार पर प्रहरी के तौर पर खड़े थे. परशुराम ने गुफा के द्वार पर खड़े गणेश को शिवजी से मिलने की इच्छा बताई.किंतु गणपति ने परशुराम को रोक दिया. गणेश जी उन्हें कई बार विनम्रता से टालते रहें. लेकिन जब भगवान परशुराम का धैर्य टूटा तो उन्होंने गणेश जी को युद्ध के लिए चुनौती दी. ऐसे में गणेश जी को परशुराम जी के साथ युद्ध लड़ना ( Ganeshji fight with Parashurama) पड़ा. गणेश और परशुराम के बीच भीषण युद्ध हुआ.