रायपुर : छत्तीसगढ़ बीजेपी (Chhattisgarh BJP) फिर एक बार शराबबंदी (liquor ban) को लेकर बघेल सरकार को घेरने में जुट गई है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्वीट कर कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत (Amarjit Bhagat) को आड़े हाथ लेते हुए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया है कि छत्तीसगढ़ सब याद रखेगा.
मंत्री अमरजीत भगत का बयान पूर्व सीएम रमन सिंह (Former CM Raman Singh) ने ट्वीट किया है कि 'कांग्रेस को चुनाव से पहले सब सुनाई देता था और सब दिखाई देता था. अब न सुनाई देता है, न ही दिखाई देता है. इसलिए जनता कह रही है - वक्त है पछताव का!' अमरजीत भगत राजनांदगांव प्रवास के दौरान शराबखोरी के सवाल पर सुनाई ना देने का बहाना करके बचकर निकल लिए थे. प्रभारी मंत्री बनने के बाद अमरजीत भगत पहली बार राजनांदगांव पहुंचे थे.
कोविड नियमों की उड़ी धज्जियां
पहली बार राजनांदगांव पहुंचने पर प्रभारी मंत्री का जोर-शोर से स्वागत किया गया. इस दौरान कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.अमरजीत भगत इस दौरान डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी के दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया ने उनसे शराबबंदी को लेकर सवाल किया. पूरा सवाल सुनने के बाद उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें कुछ सुनाई ही नहीं दिया और वहां से चल पड़े.
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महिला कांग्रेस ने भी की शराबबंदी की मांग
कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए शराबबंदी को लेकर पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर आंदोलन किया था. हाल के दिनों में भी महिला कांग्रेस और प्रदेश की महिला सांसदों ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध को लेकर चिंता जाहिर की थी और इसके पीछे शराब को भी बड़ी वजह बताया था. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से शराबबंदी की मांग की थी.
पूर्व सीएम ने याद दिलाया वादा
पूर्व सीएम रमन सिंह शुक्रवार को बिलासपुर दौरे पर थे. रमन सिंह ने इस दौरानप्रदेश के साथ ही बिलासपुर के हालातों पर चिंता व्यक्त की है. पूर्व सीएम ने कहा कि हम गांव-गांव में जाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं. लोग भूपेश सरकार के कार्यों से निराश हैं. पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने का सरकार ने वादा किया था. उन्होंने पूछा किसानों का रकबा कम क्यों किया जा रहा है. किसानों को 2 साल का बोनस भी नहीं मिला है. महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया गया था वह भी पूरा नहीं हुआ है. वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल रहा है. इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है.