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रायपुर में वनकर्मियों ने मांगी भीख, कहा भूपेश के नाम पर दे दो बाबा - forest department workers strike in chhattisgarh

रायपुर में वनविभाग कर्मियों ने भीख मांगकर प्रदर्शन किया है.

forest workers begged in the name of CM Bhupesh
रायपुर में वनकर्मियों ने मांगी भीख

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Published : Aug 31, 2022, 7:14 PM IST

रायपुर : राजधानी में पिछले 12 दिनों से वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश व्यापी प्रदर्शन कर रहे (forest workers begged in the name of CM Bhupesh ) हैं. वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बुधवार को प्रदर्शन स्थल के आसपास भीख मांगकर भूपेश सरकार के लिए बजट का पैसा इकट्ठा कर रहे (forest department workers strike in chhattisgarh) हैं. वन विभाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ''हमारी मांग को पूरा करने के लिए सरकार के पास बजट का अभाव है. ऐसे में हम मजबूरन सरकारी बजट के लिए सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हैं.प्रदर्शनकारी अलग और अनोखे अंदाज में भीख मांगते समय यह कह रहे हैं कि भूपेश के नाम से भीख दे दो.''

रायपुर में वनकर्मियों ने मांगी भीख, कहा भूपेश के नाम पर दे दो बाबा
भूपेश के नाम से मांग रहे हैं भीख :गौरतलब है कि वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी 2 सूत्री मांग को लेकर बीते 12 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (demand of chhattisgarh daily wage earners) हैं. बुधवार को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने बूढ़ा तालाब के आसपास सरकार को जगाने के लिए भीख मांग कर प्रदर्शन किया. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने कहा कि "भूपेश सरकार के बनने के बाद से इनका वेतन भी 6 से 7 महीने बाद ही मिल रहा है. ऐसे में 9 हजार रुपए में परिवार चलाना मुश्किल है. कई बार इन्हें दूसरों से कर्ज लेकर घर परिवार चलाना पड़ रहा है. भूपेश सरकार के पास बजट की कमी होने के कारण प्रदर्शनकारी सड़क पर भीख मांगने को मजबूर हुए हैं और जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तब तक प्रदर्शनकारी प्रदर्शन करते (raipur news today) रहेंगे"ये भी पढ़ें- रायपुर में हड़ताल के साथ तीजा पर्व, पुरुष ने भी रखा व्रत क्या है 2 सूत्रीय मांग : वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग जिसमें पहला मांग स्थायीकरण और दूसरा मांग नियमितीकरण का है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं. उन्हें स्थाई किया जाए और जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरा कर चुके हैं उन्हें नियमित किया जाए . पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं.

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