रायपुर:छत्तीसगढ़ में लोक कलाकारों के अनुभव के आधार पर मानदेय देने के लिए ग्रेडिंग सूची तैयार की गई है. यह सूची संस्कृति विभाग की ओर से गठित की गई समिति ने बनाया है. इसमें अनुभव के आधार पर कलाकारों को मानदेय दिया जाएगा, लेकिन अब ग्रेडिंग सूची को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. कलाकारों का मानना है कि उन्हें ग्रेडिंग में बांटकर अपमानित किया जा रहा है. साथ ही कम ग्रेडिंग देने को लेकर कुछ कलाकारों में नाराजगी देखी जा रही है. राज्य के लोक कलाकार इसके विरोध में अब कमर कसने की तैयारी में है. grading list of Chhattisgarh Culture Department
छत्तीसगढ़ में लोक कलाकार नाराज कलाकारों में भेदभाव की स्थिति पैदा करने का आरोप:राज्य के लोक कलाकार कम ग्रेड देने को लेकर नाराज हैं. कलाकारों की माने तो विभाग ने कलाकारों को ग्रेड में बांटकर भेदभाव की स्थिति पैदा कर दी है. समकक्ष कलाकारों को अधिक ग्रेड और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने के अलावा देशभर में प्रस्तुति देने के बाद भी कलाकारों को बी ग्रेड में जगह दी है. इस तरह ग्रेड में बांटकर कलाकारों का अपमान किया गया है. लोक कलाकार उर्वशी साहू ने बताया "20 साल से कलाकारों का समूह बनाकर राज्य के अलावा दूसरे राज्यों में भी प्रस्तुति दे दे रही है. 45 साल से फिल्मों में अभिनय भी कर रही हूं. लेकिन संस्कृति विभाग को हम छोटे और बी ग्रेड के कलाकार लग रहे हैं." उर्वशी ने फेसबुक में भी पोस्ट कर इस पर विरोध जताया है.
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नए कलाकारों को ए ग्रेड:लोक कलाकार गौतम चौबे ने बताया कि "ग्रेडिंग का जो पैमाना था उस पैमाने के तहत ग्रेडिंग किया जाना था. बहुत से कलाकार ऐसे हैं जो पिछले 20 साल से कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि वह कलाकार पूरा फॉर्मेलिटी पूरी कर रहा है. उस कलाकार को उसी आधार पर ग्रेडिंग देना था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. पिछले 2 साल से प्रोग्राम कर रहा है. उन कलाकारों को 15 साल काम करने वालों के बराबर रख दिया है. ऐसा नहीं होना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इसीलिए कलाकार नाराज है. "
क्या कहते हैं अफसर:संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने बताया "2021 में संस्कृति विभाग का एक नियम आया था. जिसके तहत कलाकारों का पंजीयन किया जाना था. इसके तहत बहुत सारी चीजें निर्धारित की गई है. जिसमें किस कलाकार को कितने कार्यक्रम दिए जाएंगे. उनका मानदेय भी निर्धारित किया गया है. इन कलाकारों को 6 ग्रेड में बांटा गया है. इस ग्रेडिंग के लिए हमने एक स्वतंत्र समिति बनाई थी. इस समिति में संगीत विश्वविद्यालय, दूरदर्शन समेत अनेक क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया था. उनके द्वारा सभी कलाकारों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे. समिति ने उन सभी पर विचार करते हुए लगभग 350 कलाकारों का श्रेणी करण किया है. इसी श्रेणी करण के हिसाब से ही भविष्य में उनको भुगतान किया जाएगा. इस श्रेणी करण से अधिकतम कलाकार खुश है. मेरे पास दो तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसमें कलाकारों ने अपने श्रेणी करण को लेकर आपत्ति रखी है. वह श्रेणी करण में बदलाव चाहते हैं. हम उन सभी कलाकार जो बदलाव चाहते हैं. वे अपने अभिलेखों के साथ दोबारा आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं. उस पर फिर से विचार किया जाएगा. समिति के सामने उनको रखा जाएगा. अगर कोई गलती हुई है तो उसको सुधार जरूर किया जाएगा."