छत्तीसगढ़ में झमाझम बारिश से कई स्थानों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य के कई जिलों में आफत वाली बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. शिवनाथ नदी में तीन बैराज से लगातार 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया ( Flood situation due to heavy rains in many districts of Chhattisgarh) है.
दुर्ग जिले में लोग बेहाल :शिवनाथ नदी में केचमेंट एरिया एवं तीन बैराज से लगातार 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जिले के कई गांव और सड़कों में पानी भर गया है. जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. नदी के जल स्तर के और भी अधिक बढ़ने की संभावना बनी हुई है. शिवनाथ नदी कई सालों बाद अपने खतरे के निशान के ऊपर बह रही (rain in chhattisgarh) है.
बाढ़ के चपेट में 40 से अधिक गांव: महमरा एनीकट में 10 फीट ऊंचाई से पानी बह रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के 40 से अधिक गांव बाढ़ के चपेट में हैं. वहीं शिवनाथ नदी का पानी शहर तक आ गया है. सड़कों में पानी भर जाने से कई मार्ग बंद हो गए हैं और कई गांव से संपर्क टूट चुका है. जिला प्रशासन और रेस्क्यू टीम लगातार बाढ़ से प्रभावित गांव में जाकर फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का कार्य कर रही (floods in many districts of chhattisgarh ) है.
रायगढ़ और जांजगीर में भी हालत खराब :वहीं अगर बात करें रायगढ़ और जांजगीर-चांपा की तो यहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. रायगढ़ में बाढ़ के हालात को देखते हुए कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर पुसौर और बरमकेला विकासखंड के बाढ़ प्रभावित गांवों के स्कूलों में 16, 17 और 18 अगस्त को छुट्टी कर दी गई है. बांधों का जल स्तर बढ़ने के कारण सोमवार को समोदा बांध से महानदी में एक लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है. रायगढ़ के सरिया बरमकेला क्षेत्र में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. इसको देखते हुए इन इलाकों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है. लगातार पानी बढ़ने से महानदी के किनारे बसे गांव डूबने की कगार पर हैं. ऐसे में उन्हें खाली करा लिया गया है. लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा (heavy rain in chhattisgarh ) है.