रायपुर: कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे (Minister Ravindra Choubey ) की पहचान उनके संसदीय ज्ञान, संवैधानिक जानकारी, सौम्य स्वभाव के साथ-साथ राजनीति के चतुर खिलाड़ी के रूप में है. जिन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत गांव के सरपंच से की थी. राजनीतिक विषयों से लेकर धर्मांतरण, धान खरीदी, किसानों की समस्याओं के मुद्दे पर उन्होंने ETV भारत के साथ खास बातचीत की.
सवाल : प्रदेश में अभी धर्मांतरण (conversion) का मुद्दा गरमाया हुआ है. हाल ही में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मुख्यमंत्री को इस विषय से संबंधित पत्र भी लिखा है. आप क्या कहेंगे ?
जवाब : महामहिम के पत्र व्यवहार को लेकर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता , लेकिन मैंने पूर्व में भी कहा था कि राजभवन को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए. प्रदेश में धर्मांतरण कोई मुद्दा ही नहीं है. सबसे मुखर होकर धर्मांतरण के खिलाफ काम करने वाले अपने नेता दिलीप सिंह जूदेव को बीजेपी ने हाशिये पर क्यों रखा था? प्रदेश में धर्म आधारित राजनीति करने का प्रयास हो रहा है. कवर्धा की बेहद सामान्य घटना को तूल देकर बढ़ाने का काम कौन कर रहा है, यह बात जनता जानती है.
सवाल : हर बार धान खरीदी (Paddy purchased) के बाद केंद्र द्वारा एफसीआई से चावल खरीदने के विषय को लेकर राज्य सरकार से विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है. क्या इस बार इस विवाद का कोई हल निकल पाया है ?
जवाब :धान खरीदी किसानों की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है. हमने किसानों के खातों में राजीव न्याय योजना के तहत सीधे पैसे दिये. इस बार हमने एक करोड़ लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का लक्ष्य रखा है.