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छत्तीसगढ़ के अगले बजट पर कोरोना का दिखेगा असर : हनुमंत यादव

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Published : Dec 14, 2020, 3:21 PM IST

कोरोना काल में पूरा देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है. छत्तीसगढ़ में भी राजस्व की प्राप्ति में कमी आई है. जबकि व्यय बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना काल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर ETV भारत ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से बातचीत की.

ETV bharat exclusive interview with economist Hanumant Yadav
अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से खास बातचीत

रायपुर: कोरोना संक्रमण के बीच केंद्र सहित राज्य सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है. जहां एक और राजस्व की प्राप्ति में काफी कमी आई है तो वहीं दूसरी ओर सरकार का व्यय बढ़ा है. इस वजह से केंद्र सहित राज्य सरकार का बजट बिगड़ता नजर आ रहा है. छत्तीसगढ़ की बात की जाए छत्तीसगढ़ में भी राजस्व की प्राप्ति में कमी आई है. जबकि व्यय बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना काल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति कितनी प्रभावित हुई है इसे लेकर ETV भारत ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से बात की.

अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से खास बातचीत पार्ट-1

सवाल: लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार की ओर से की गई कटौती का अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ा प्रभाव ?

जवाब:लॉकडाउन लगने के बाद सबसे अधिक असर मार्च से लेकर जून तक देखने को मिला. इस दौरान उद्योग धंधे बंद हो चुके थे, राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए व्यवस्था की और उन्हें रोजगार मुहैया कराया इस वजह से सरकार के खर्च में काफी बढ़ोतरी हुई. वहीं दूसरी ओर कोरोना के कारण राजस्व की प्राप्ति में कई गुना कमी हुई, लेकिन जुलाई के बाद स्थिति में थोड़ा बदलाव आया. उद्योग धंधे शुरू होने से राज्य सरकार की स्थिति में थोड़ा सुधार होना शुरू हुआ. जुलाई से दिसंबर तक स्थिति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अगर पिछले साल की तुलना में इस साल दिसंबर तक आर्थिक स्थिति की बात की जाए तो उसमें काफी कमी आई है.

सवाल:बॉर्डर सुरक्षा में अधिक व्यय होने की वजह से केंद्र सरकार नहीं दे सकी जीएसटी की राशि ?

जवाब:केंद्र सरकार की खुद की स्थिति काफी खराब है, क्योंकि उसे देश के लिए काम करना है. साथ ही हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखना है, जिसके लिए अधिक व्यय हो रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार के लिए पहली प्राथमिकता सीमाओं की रक्षा करना है. जीएसटी की राशि का एक बड़ा हिस्सा सीमा सुरक्षा में लगाया गया है. इस वजह से भी केंद्र सरकार राज्य सरकारों को जीएसटी की राशि का भुगतान नहीं कर सकी है.

सवाल:क्याराज्य सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लोन लिया ?

जवाब:जीएसटी की राशि ना मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्य की मदद के लिए केंद्र सरकार ने एक बीच का रास्ता दिखाया. राज्यों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेने के लिए कहा गया है, जिसके बाद जीएसटी की राशि मिलने पर इस लोन को राज्य सरकार चुका देंगे या तो फिर केंद्र सरकार के दिए जाने वाले पैकेज में कटौती की जाय. ऐसे में राज्य सरकार ने आरबीआई से लोन लेना उचित समझा और वर्तमान में यह लोन राज्य सरकार पर कर्ज के रूप में है.

सवाल:राजस्व प्राप्ति में भारी कमी, लेकिन व्यय कई गुना बढ़ा ?

जवाब:राज्य सरकार के खुद के कर वसूली में भी काफी कमी आई है, लेकिन खर्च कई गुना बढ़ गया है हालांकि वर्तमान में राज्य सरकार के घोषित योजनाओं का बजट पर इसलिए ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ रहा है, क्योंकि इसका प्रावधान राज्य सरकार के पारित बजट में पहले ही किया जा चुका है. वह बजट में आ चुका था और सरकार अब उसे खर्च कर रही है.

अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से खास बातचीत पार्ट-2

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सवाल:खेती किसानी से संबंधित योजना का संचालन सरकार की प्राथमिकता हैं ?

जवाब:हनुमंत ने बताया की राज्य सरकार की ओर से खेती और किसानों को लेकर कई योजनाएं संचालित की गई हैं, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है. आज गोबर खरीदी और उससे निर्मित उत्पाद की वजह से किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. इसके अलावा सिंचाई सहित अन्य योजनाओं पर भी राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है है. इसके लिए भी पर्याप्त राशि राज्य सरकार खर्च कर रही है.

सवाल:धान खरीदी के अंतर की राशि का राजस्व पर क्या प्रभाव पड़ा ?

जवाब:हनुमंत ने बताया कि राज्य सरकार, केंद्र की ओर से निर्धारित समर्थन मूल्य से अधिक राशि पर धान खरीदी कर रही है और अंतर की राशि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों को भुगतान की जा रही है. इसका भी अतिरिक्त बोझ राज्य सरकार पर पड़ा है.

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सवाल:क्या छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की अपेक्षा आर्थिक रूप से मजबूत ?

जवाब:हनुमंत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बीच जहां एक ओर देश के अन्य राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. वहीं यदि छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां उतना प्रभाव नहीं पड़ा है जितना अन्य राज्यों में देखने को मिला है. तमाम परिस्थितियों के बावजूद आज छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की अपेक्षा मजबूत स्थिति में है.

सवाल:क्यापूंजीगत कार्यों में राज्य सरकार कर सकती है कटौती ?

जवाब:कोरोना संक्रमण के दौरान उत्पन्न आर्थिक संकट को देखते हुए राज्य सरकार पूंजीगत व्यय में कटौती कर सकती है. उन्होंने कहा कि सड़क, पुल, भवन सहित अन्य निर्माण कार्यो को राज्य सरकार कुछ हद तक रोकते हुए उस राशि का उपयोग अन्य कार्यो में कर सकती है, क्योंकि जन विकास से जुड़ी योजनाओं और कामों को रोकना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है. यदि राज्य सरकार जन योजनाओं में कटौती करती है तो इससे कहीं न कहीं राज्य सरकार की छवि धूमिल होने का खतरा है.

सवाल:आगामी बजट पर भी क्या कोरोना का प्रभाव पड़ेगा ?

जवाब:कोरोना संक्रमण के दौरान ठप पड़े कारोबार व्यवसाय सहित अन्य कामों का असर आगामी बजट में भी देखने को मिलेगा. इससे बजट पर काफी प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में राज्य सरकार के लिए बजट तैयार करने के दौरान कई जटिल समस्याएं पैदा हो सकती है. जिन्हें दूर करना राज्य सरकार के लिए चुनौती भरा काम होगा. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से जल्द जीएसटी सहित अन्य मद की राशि मिलने की उम्मीद लगा रखी है. अब देखने वाली बात है कि कटौती की गई राशि का भुगतान केंद्र सरकार कब तक करती है. केंद्र सरकार ने जल्द राज्य सरकार को राशि उपलब्ध नहीं कराई तो हो सकता है कि आने वाले समय में राज्य का बजट गड़बड़ा जाए, जिसका असर कहीं न कहीं प्रदेश के विकास और उससे जुड़ी योजनाओं पर पड़ सकता है.

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