रायपुर: कोरोना संक्रमण के बीच केंद्र सहित राज्य सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है. जहां एक और राजस्व की प्राप्ति में काफी कमी आई है तो वहीं दूसरी ओर सरकार का व्यय बढ़ा है. इस वजह से केंद्र सहित राज्य सरकार का बजट बिगड़ता नजर आ रहा है. छत्तीसगढ़ की बात की जाए छत्तीसगढ़ में भी राजस्व की प्राप्ति में कमी आई है. जबकि व्यय बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना काल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति कितनी प्रभावित हुई है इसे लेकर ETV भारत ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से बात की.
सवाल: लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार की ओर से की गई कटौती का अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ा प्रभाव ?
जवाब:लॉकडाउन लगने के बाद सबसे अधिक असर मार्च से लेकर जून तक देखने को मिला. इस दौरान उद्योग धंधे बंद हो चुके थे, राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए व्यवस्था की और उन्हें रोजगार मुहैया कराया इस वजह से सरकार के खर्च में काफी बढ़ोतरी हुई. वहीं दूसरी ओर कोरोना के कारण राजस्व की प्राप्ति में कई गुना कमी हुई, लेकिन जुलाई के बाद स्थिति में थोड़ा बदलाव आया. उद्योग धंधे शुरू होने से राज्य सरकार की स्थिति में थोड़ा सुधार होना शुरू हुआ. जुलाई से दिसंबर तक स्थिति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अगर पिछले साल की तुलना में इस साल दिसंबर तक आर्थिक स्थिति की बात की जाए तो उसमें काफी कमी आई है.
सवाल:बॉर्डर सुरक्षा में अधिक व्यय होने की वजह से केंद्र सरकार नहीं दे सकी जीएसटी की राशि ?
जवाब:केंद्र सरकार की खुद की स्थिति काफी खराब है, क्योंकि उसे देश के लिए काम करना है. साथ ही हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखना है, जिसके लिए अधिक व्यय हो रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार के लिए पहली प्राथमिकता सीमाओं की रक्षा करना है. जीएसटी की राशि का एक बड़ा हिस्सा सीमा सुरक्षा में लगाया गया है. इस वजह से भी केंद्र सरकार राज्य सरकारों को जीएसटी की राशि का भुगतान नहीं कर सकी है.
सवाल:क्याराज्य सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लोन लिया ?
जवाब:जीएसटी की राशि ना मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्य की मदद के लिए केंद्र सरकार ने एक बीच का रास्ता दिखाया. राज्यों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेने के लिए कहा गया है, जिसके बाद जीएसटी की राशि मिलने पर इस लोन को राज्य सरकार चुका देंगे या तो फिर केंद्र सरकार के दिए जाने वाले पैकेज में कटौती की जाय. ऐसे में राज्य सरकार ने आरबीआई से लोन लेना उचित समझा और वर्तमान में यह लोन राज्य सरकार पर कर्ज के रूप में है.
सवाल:राजस्व प्राप्ति में भारी कमी, लेकिन व्यय कई गुना बढ़ा ?
जवाब:राज्य सरकार के खुद के कर वसूली में भी काफी कमी आई है, लेकिन खर्च कई गुना बढ़ गया है हालांकि वर्तमान में राज्य सरकार के घोषित योजनाओं का बजट पर इसलिए ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ रहा है, क्योंकि इसका प्रावधान राज्य सरकार के पारित बजट में पहले ही किया जा चुका है. वह बजट में आ चुका था और सरकार अब उसे खर्च कर रही है.
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