रायपुर: निलंबित आईपीएस जीपी सिंह से करीब 5 घंटे तक EOW और एसीबी की टीम ने पूछताछ की है. दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक यह पूछताछ चली. EOW और एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति के बारे में उनसे कई ताबड़तोड़ सवाल किए. जीपी सिंह से पेन ड्राइव की जानकारी मांगी गई. इस बात को लेकर भी सवाल किए गए कि रायपुर से फरार होने ने उनकी मदद किसने की.
करीब 5 घंटे चली पूछताछ में एसीबी और ईओडब्ल्यू के पसीने छूट गए. EOW और एसीबी की टीम ने उनके मोबाइल ओपन करने के लिए पासवर्ड की भी जानकारी ली. बार-बार पूछने के बाद भी जीपी सिंह ने पासवर्ड बताने से इंकार कर दिया. जांच एजेंसियों ने बताया कि जीपी सिंह जांच के दौरान अफसरों का सहयोग नहीं कर रहे हैं. पूछताछ के दौरान जीपी सिंह के वकील कमलेश पांडेय भी मौजूद थे.
संपत्ति मेरी नहीं, परिजनों की है-जीपी सिंह
अफसरों ने जीपी सिंह से आय से अधिक संपत्ति के बारे में पूछा है. जिसके जवाब में जीपी ने कहा कि वो संपत्ति मेरे परिजनों की है. इसके साथ ही अफसरों ने पेनड्राइव और उनके मोबाइल फोन का पासवर्ड भी पूछा. लेकिन पेन ड्राइव के संबंध में कोई जानकारी नहीं होने की बात उन्होंने कही. आपको बता दें कि ACB/EOW जिस पेन ड्राइव के बारे में जानकारी हासिल कर रही है. ये वही पेन ड्राइव है. जिसमें सरकार के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप लगे हैं.
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जीपी सिंह को बुधवार को कोर्ट में किया गया था पेश
आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के मामले में फंसे जीपी सिंह लंबे समय से फरार चल रहे थे. उन्होंने हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने जीपी की याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद जीपी सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किए थे. वहां से भी उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली. जिसके बाद एसीबी/ईओडब्ल्यू की टीम ने 11 जनवरी को दिल्ली के गुड़गांव में जीपी सिंह को गिरफ्तार किया. उसके बाद 12 जनवरी को रायपुर लाया गया, जहां कोर्ट में पेश करने के बाद दो दिन की रिमांड पर ACB/EOW के सुपुर्द कर दिया.
जीपी सिंह पर ऐसे हुई थी कार्रवाई
- 1 जुलाई की सुबह 6:00 बजे जीपी के सरकारी बंगले पर छापा
- राजनांदगांव, भिलाई, उड़ीसा समेत 15 ठिकानों पर करीब 68 घंटे लगातार चली कार्रवाई
- 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले से कई अहम दस्तावेज मिले
- 5 जुलाई को ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई
- एफआईआर के बाद देर रात शासन ने 5 जुलाई को जीपी को सस्पेंड किया
- 8 जुलाई को जीपी के घर से मिले दस्तावेज के आधार पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया
- 9 जुलाई को जीपी में हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की जिसमें सीबीआई जांच की मांग की थी
- जीपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने पिछले दिनों कई ठिकानों में छापे मारे
- इसके बाद पूछताछ के लिए थाने आकर बयान दर्ज कराने तीन बार नोटिस जारी किया
- उसके बाद कोतवाली पुलिस ने रायपुर कोर्ट में 19 अगस्त को 400 पन्नों का चालान पेश किया