रायपुर:बच्चों को खाने के लिए मनाना खासकर गर्मी के दिनों में बहुत ही मुश्किल होता है.ऐसे समय में खाने का लुक अच्छा होना चाहिए, जिससे बच्चे अट्रैक्टिव हो सके, जो बच्चों को प्रभावित कर सके. बच्चों को न्यूट्रिशन देना भी जरूरी है.बदलते मौसम के साथ नॉर्मल खाना खिलाना बच्चों के लिए एक बहुत बड़ा टास्क होता है. यह मां के लिए एक बड़ा चैलेंज भी होता है. बच्चों की डाइट में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट फैट विटामिन जैसी चीजें भरपूर मात्रा में होनी (diet of children in summer ) चाहिए.ऐसे उम्र में बच्चे ज्यादा खेलते हैं, तो कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए दिन में दो बार मिल्क देना भी जरूरी होता है. गर्मी के मौसम में सामान्य रूप से मिल्क ना देकर मिल्क का शेक बना कर देना चाहिए, जिससे बच्चों का मन लग सके.
गर्मियों में कैसी हो बच्चों की डाइट, नहीं होने दें एनर्जी की कमी
गर्मी के समय बच्चों का खानपान प्रभावित होता है. ऐसे में जरूरी है कि हम बच्चों के डाइट का ख्याल रखें.बच्चों को मौसम के हिसाब से खाना ( diet of children in summer ) दें, ताकि उनके एनर्जी में कोई कमी ना हो.
बच्चों को खिलाए सीजनेबल फ्रूट्स : डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव का कहना है कि ऐसे मौसम में बच्चों को सीजनेबल फ्रूट्स के साथ वाटरमेलन, ऑरेंज, एप्पल और केला देना(Feed seasonal fruits to children)चाहिए.अगर बच्चे सीधे तौर पर फ्रूट्स नहीं खाते हैं, तो उन्हें स्मूदी या फिर शेक बनाकर दिया जाए, जिससे बच्चे आसानी से पी सकते हैं. ऐसे समय में बच्चों को सैंडविच भी दे सकते हैं. लेकिन उसका लुक डिफरेंट होना चाहिए. बच्चों को फास्ट फूड और फ्रोजन फूड से दूर रखना चाहिए. बच्चों को अच्छा और हेल्दी खाना दिया जाना चाहिए, जिससे बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो.
गर्मी में खानपान का ध्यान : बच्चों को रोटी दाल चावल खिलाना भी जरूरी है. और ऐसे में उसका लुक अट्रैक्टिव होना चाहिए. जिससे बच्चे आसानी से इन चीजों की ओर आकर्षित हो सके. इसके साथ गर्मी के मौसम में बच्चों को लस्सी, दही, मट्ठा जैसी चीजें देनी चाहिए. बच्चों को ड्राई फ्रूटस भी देना जरुरी है. जो उनके एनर्जी लेवल को (important to maintain energy in children) बढ़ाएगा. अंजीर, बादाम और अखरोट देने से बच्चों को मिनरल्स और प्रोटीन मिलता है. बच्चे अगर सब्जी नहीं खाते हैं. तो उन्हें सूप बना कर दिया जा सकता है. इसके साथ ही सिंपल या सादी रोटी बच्चे पसंद नहीं करते हैं तो उसे रोल बना कर दिया जा सकता है.