रायपुर:छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार जड़ तक समाया हुआ है. भ्रष्टाचार की गूंज सड़कों से लेकर विधानसभा तक है. आरोप के बाद कोंडागांव के डीओ को निलंबित किया गया. छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं. उन्हें बचाने का काम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं. भ्रष्टाचारियों को पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम संरक्षण दे रहे हैं.
यह बातें रविवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण जगदलपुर संजय गांधी वार्ड में कांग्रेस पार्षद हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर हितग्राहियों से रिश्वत लिया. पीएम आवास से लिए एक तरह से रेट 20 से 25 हजार खोल दिया गया.
आरोपी पर दर्ज नहीं हुआ केस
नेता प्रतिपक्ष ने कहा आवास योजना का लाभ लेने के लिए 40 हितग्राहियों से उगाही की गई. मामले का खुलासा के बाद भी पार्षद पैसा वापस करने से मना कर रहा है. बीजेपी में मामले में ज्ञापन दिया था. 48 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया गया लेकिन उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया. अब उस पार्षद को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बचाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में जल्द ही एक्शन नहीं लिया गया तो यह साबित हो जाएगा कि कांग्रेस के मुखिया के संरक्षण में सारे जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार कर रहे हैं.
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किसानों की उपेक्षा
धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को लेकर बड़ी-बड़ी दुहाई दी जाती है. लेकिन सबसे ज्यादा पीड़ित किसान है. किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. 1 जनवरी 2020 से नवंबर 2021 तक प्रदेश में 230 किसानों ने आत्महत्या किया है. इसमें 97 अनुसूचित जनजाति और 42 अनुसूचित जाति वर्ग के किसान हैं. जब यूपी के किसान के लिए भूपेश बघेल पैसा दे सकते हैं तो छत्तीसगढ़ के किसानों के
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार रोजगार और नौकरी देने में विफल है. बस्तर जिले को छोड़कर 18 जिलों में आंगनबाड़ी के 7 हजार पद खाली हैं. खाली पदों पर सरकार भर्ती क्यों नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बेरोजगार युवाओं को लिए रोजगार दे पाने में नाकाम है.