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बैकुंठ चतुर्दशी पर दीपदान करने खारून पहुंचे श्रद्धालु - Kharun River Raipur

बैकुंठ चतुर्दशी के दिन पूर्णिमा स्नान करने और दीपदान करने सुबह से ही खारून नदी तट पर श्रद्धालु पहुंचने लगे. नदी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर उसे नदी में प्रवाहित किया.

Devotees reach to donate diya on Baikuntha Chaturdashi in raipur
दीपदान करते श्रद्धालु

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Published : Nov 29, 2020, 10:20 AM IST

Updated : Nov 29, 2020, 12:49 PM IST

रायपुर: कार्तिक मास की बैकुंठ चतुर्दशी और पूर्णिमा स्नान पर दीपदान का शास्त्रों में विशेष महत्व है. रविवार को सुबह खारून नदी में दीपदान किया गया. खारून नदी के तट पर श्रद्धालु सुबह से ही दीपदान के लिए पहुंचना शुरू हो गए थे. नदी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दोने में दीप प्रज्वलित कर उसे नदी में प्रवाहित किया. इसके बाद श्रद्धालु हटकेश्वर नाथ महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान की पूजा अर्चना की. कोरोना संक्रमण की वजह से खारून नदी के तट पर लोगों की भीड़ दीपदान को लेकर कम देखने को मिली. भगवान हटकेश्वर नाथ के दर्शन में भी श्रद्धालुओं की संख्या कम दिखाई पड़ी.

दीपदान करने खारून पहुंचे श्रद्धालु
मंदिर पहुंचे श्रद्धालु
दीपदान करते श्रद्धालु

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पुराणों के अनुसार इस दिन किए गए दान स्नान और जाप का 10 यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है. इस दिन अगर कृतिका नक्षत्र हो तो यह महाकार्तिकी होती है, भरणी हो तो विशेष फल देती है और यदि रोहिणी हो तो इसका फल और भी बढ़ जाता है. जो व्यक्ति पूरे कार्तिक मास का स्नान करते हैं उनका नियम कार्तिक पूर्णिमा को पूरा हो जाता है.

दीपदान करते श्रद्धालु
कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रीसत्यनारायण व्रत की कथा सुनी जाती है. शाम के समय मंदिरों, चौराहों, पीपल के वृक्ष और तुलसी के पौधों के पास दीप जलाए जाते हैं. नदियों में दीपदान किया जाता है इसे देव दिवाली भी कहा जाता है.
Last Updated : Nov 29, 2020, 12:49 PM IST

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