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जशपुर घटना में न्यायिक जांच की मांग, बीजेपी नेता ने कहा-छत्तीसगढ़ सरकार फैल्योर - जशपुर घटना में न्यायिक जांच की मांग

राजधानी रायपुर के एकात्म परिसर भाजपा कार्यालय में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष व वरिष्ठ विधायक (BJP State Vice President and Senior MLA) शिवरतन शर्मा ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि कवर्धा और पत्थलगांव दोनों घटना की न्यायिक जांच (judicial investigation) होनी चाहिए. पत्थलगांव की घटना में मृत परिवार को कम से कम एक करोड़ की क्षतिपूर्ति मिले. इस मौके पर भाजपा नेता ने कवर्धा मामले में न्यायिक जांच की भी मांग की.

Demand for judicial inquiry in Jashpur incident
जशपुर घटना में न्यायिक जांच की मांग

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Published : Oct 17, 2021, 3:39 PM IST

Updated : Oct 17, 2021, 3:49 PM IST

रायपुरः राजधानी रायपुर के एकात्म परिसर भाजपा कार्यालय में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष व वरिष्ठ विधायक शिवरतन शर्मा (BJP State Vice President and Senior MLA Shivratan Sharma) ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि कवर्धा और पत्थलगांव दोनों घटना की न्यायिक जांच (judicial inquiry into the incident) होनी चाहिए. पत्थलगांव की घटना में मृत परिवार को कम से कम एक करोड़ की क्षतिपूर्ति मिले. घायलों को 50 लाख रुपये की राहत राशि दी जाए.

जशपुर घटना में न्यायिक जांच की मांग

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है गाड़ी बैरियर कैसे क्रॉस कर गई बैरियर पर वह गाड़ी रोकी क्यों नहीं गई? अब तक बैरियर में कहीं कोई तस्कर पकड़ा नहीं गया है? कहीं ना कहीं कोई भी तस्कर बैरियर क्रॉस करने के 100- 200 किलोमीटर बाद ही पकड़ा गया है, तो बैरियर क्यों लगाया गया है? इसकी जांच करने की आवश्यकता है. इन्हीं मुद्दों को आधार बनाकर भाजपा ने छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) को घेरा.

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आदिवासियों का हुआ सबसे अधिक शोषण
पिछले ढाई तीन महीने से छत्तीसगढ़ में प्रशासन नाम की चीज ही नहीं है. पूरी सरकार कंफ्यूज है. सरकार का हर अधिकारी कंफ्यूज है कि मुझे टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) का सुनना है या भूपेश बघेल की. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के हित की बात करती है. राज्य में सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग का ही उत्पीड़न हो रहा है. छत्तीसगढ़ की जनता एक बार धोखा खाई है. बार-बार धोखा नहीं खाएगी.

पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पीड़न अगर किसी वर्ग का हुआ है तो वह आदिवासियों का. चाहे कोंडागांव की घटना हो, बलरामपुर की घटना हो या मानव तस्करी के मामले हों, सारे मामलों में सबसे ज्यादा उत्पीड़ित आदिवासी वर्ग (tribal class) है. यह सरकार आदिवासियों के हित की बात करती है, पर सबसे ज्यादा उत्पीड़न उन्हीं का उन्हीं का हुआ है.

Last Updated : Oct 17, 2021, 3:49 PM IST

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