रायपुर : मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सोमवार को छतीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कॉलेजो में ऑनलाइन एग्जाम लेने का आदेश जारी किया गया है. जिसके बाद प्रदेश की दो बड़ी यूनिवर्सिटी पंडित रविशंकर शुक्ल रायपुर और हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी दुर्ग ने ऑफलाइन परीक्षा स्थगित कर दी है. बता दें कि एनएसयूआई छात्र संगठन ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ऑनलाइन एग्जाम कराने की मांग की थी. छात्रों ने सीएम के सामने दलील दी थी कि कोरोना काल से सारी क्लासेस ऑनलाइन ली गई हैं. इस दौरान पढ़ाई करने और कोर्स पूरा होने में दिक्कतें आई हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने स्टूडेंट्स को आश्वासन दिया (Debate on online college examinations in Chhattisgarh) था. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों में परीक्षा ऑनलाइन / ब्लैंडेड मोड में कराने का आदेश जारी किया गया.
सोशल मीडिया में सरकार हो रही ट्रोल :वहीं इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है , कॉलेज छात्रों के ऑफलाइन एग्जाम कैंसल कर ऑनलाइन एग्जाम संचालित करने को लेकर लोग इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कह रहे हैं. क्योकिं मंगलवार से नवमी से ग्यारहवीं की ऑफलाइन परीक्षा शुरू हुई हैं . विद्यार्थी अपने स्कूल में जाकर ऑफलाइन एग्जाम दे रहे हैं. ऐसे में कॉलेज के छात्रों के ऑनलाइन एग्जाम को लेकर लगातार सोशल मीडिया में लोग सरकार को ट्रोल कर रहे (People are trolling the government on social media) हैं.
क्या है सोशल मीडिया में चर्चा का विषय : बच्चों की परीक्षा ऑफलाइन और बड़ों का पेपर ऑनलाइन लेने को अब लोग राजनीति के चश्मे से देख रहे हैं. क्योंकि जिस कोरोना को लेकर हल्ला मचा हुआ है. उसी हल्ले में बच्चों ने ऑफलाइन पेपर दिया है. ऐसे में अब कॉलेज के छात्रों को ऑनलाइन पेपर देने के लिए जो फैसला सरकार ने किया है. उसे लेकर सोशल मीडिया में शिक्षाविद् और समाज में रहने वाले लोगों के बीच लंबी बहस छिड़ गई है.
समाज सेविका मनजीत कौर बलने सरकार के इस फैसले पर चुटकी लेते हुए सवाल किया है कि General promotion और online exam के बीच क्या अंतर है ? (वैसे मै परीक्षा के ही खिलाफ हूं, पढ़ाई के लिए साथ हूं)
सरकार के इस फैसले पर सूरज प्रकाश डड़सेनाका कहना है कि, पिछले दो वर्षो को छोड़ दिया जाए तो online एग्जाम वैकल्पिक व्यवस्था थी , पर इस वर्ष यह व्यवस्था विकल्प से ज्यादा राजनीतिक तुष्टिकरण और प्रचार ज्यादा दिखाई दे रही है. नेताओं ने वाह वाही लूट ली. पर उस भविष्य की चिंता नही जो परीक्षा के मानकों की वजह से मोरल रूप से low फील कर रहे हैं.