रायपुर:कोरोना काल में एम्स रायपुर से खुशखबरी आई है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के नियोनेटोलॉजी विभाग के चिकित्सकों की निगरानी में धमतरी और दुर्ग की कोविड-19 पॉजीटिव दो महिला रोगियों ने तिड़वें और जुड़वें बच्चों को जन्म दिया है. एम्स रायपुर ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है.
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एम्स रायपुर ने लिखा - धमतरी निवासी कोविड-19 पॉजीटिव महिला को 33 सप्ताह के प्री मैच्योर प्रसव से 18 अक्टूबर को तीन बच्चे हुए हैं. पांच दिनों तक ये बच्चे एनआईसीयू में रहे. दो को ठीक होने के बाद वापस मां के पास भेज दिया गया, जहां चिकित्सक इनकी देखरेख कर रहे हैं. एक बच्चा अभी भी एनआईसीयू में है. इन बच्चों को लगातार वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी. एनआईसीयू के चिकित्सकों ने ही इनकी पूरी देखरेख की. तीनों बच्चों की पहली कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आई है.
2 बच्चे स्वस्थ
राहत की बात है कि बच्चों की पहली कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई है. सुरक्षा के मद्देनजर इन बच्चों का अभी रिपीट टेस्ट बाकी है. लगभग पांच दिनों तक तीनों बच्चे एनआईसीयू में रहे, जिनमें से दो को ठीक होने के बाद वापस मां के पास भेज दिया गया. जहां पूर्ण सुरक्षा के साथ बच्चों की देखरेख की जा रही है. एक बच्चा अभी भी एनआईसीयू में है.
दुर्ग की महिला ने दिए जुड़वा बच्चों को जन्म
वहीं एक अन्य केस में 33 वर्षीय कोविड-19 पॉजिटिव महिला ने 19 अक्टूबर को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. इस महिला का प्रसव 33 सप्ताह का था. इन बच्चों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाते हुए इलाज दिया गया. बच्चों को फेफड़े संबंधी दिक्कतें हैं, जिन्हें एनआईसीयू में एडमिट कर इलाज किया जा रहा है. इनकी कोविड-19 की रिपोर्ट अभी लंबित है. निदेशक प्रो. नितिन एम नागरकर ने बुधवार को इसके लिए एनआईसीयू के इंचार्ज डॉ फाल्गुनी पाढ़ी को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के चुनौतीपूर्ण केसों को स्वीकार करके सभी ने अपनी विशेषज्ञता को सिद्ध किया है.
एम्स रायपुर ने ट्वीट कर लिखा - दुर्ग निवासी एक अन्य 33 वर्षीय कोविड-19 पॉजिटिव महिला ने 19 अक्टूबर को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. प्रसव 33 सप्ताह का था. बच्चों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाते हुए उपचार प्रदान किया गया. बच्चों को फेफड़े संबंधी दिक्कतें हैं जिन्हें एनआईसीयू में एडमिट कर उपचार कर रहे हैं.