रायपुर:छत्तीसगढ़ में जितनी तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से संक्रमित स्वस्थ भी हो रहे हैं .राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 35 सौ पार हो चुका है. लेकिन सुकून की बात ये है कि संक्रमण से मौत के आंकड़े स्थिर हैं. प्रदेश में कोविड- 19 महामारी ने 15 लोगों की जान ली है, वहीं 28 सौ से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ में अचानक कोरोना संक्रमितों बढ़े हैं. स्वास्थ्य विभाग लगातार मरीजों के उपचार के लिए बेहतर उपाय कर रहा है. कई जिलों में कोविड-19 हॉस्पिटल हैं, जिन्हें टेलीमेडिसिन सेंटर से लगातार निर्देश भी मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग मरीजों को स्वस्थ करने में सफल हो रहा है.
स्वास्थ्य मंत्री ने 8 जुलाई को ट्वीट किया है और जानकारी दी है कि 0.4% मृत्यु दर के साथ, छत्तीसगढ़ देश में कोरोना में जंग लड़ रहा है. शुरू से ही की गई व्यवस्था की वजह से छत्तीसगढ़ लड़ रहा है और जीतेगा.
छत्तीसगढ़ में जल्द दौड़ेगी मोबाइल लेबोरेटरी वैन, आधे घंटे में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मिलने का दावा
ETV भारत ने कोविड 19 के नोडल अधिकारी आर के पंडा से संक्रमितों के उपचार के तरीकों के विषय में बात की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने भी केस आए हैं सभी एसिंप्टोमेटिक बताए जा रहे हैं. नोडल अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग सभी मरीज एसिंप्टोमेटिक ही हैं. ऐसे मरीजों में सर्दी-बुखार जैसी लक्षण होते है. कुछ मरीजों में लक्षण भी नहीं पाए गए हैं. ट्रैवल हिस्ट्री के जरिए जल्द ही मरीजों का पता लगा लिया जाता है. डॉक्टर पंडा ने बताया कि पेशेंट का जल्द ही पता लगने से उपचार में काफी फायदा मिलता है. छत्तीसगढ़ में लगभग मरीज शुरुआती सिम्टम्स वाले हैं, जिन्हेंं जल्द इलाज मिल जाता है और वे स्वस्थ होकर घर लौट जाते हैं.
'इलाज के लिए ICMR की गाइडलाइंस कर रहे फॉलो'
डॉक्टर पंडा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मरीजों के इलाज के लिए ICMR की गाइडलाइंस फॉलो की जा रही है. सभी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए मरीजों को दवा दी जा रही है. इसमें माइल्ड और एसिंप्टोमेटिक मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, विटामिन सी और जिंक की दवा दी जाती है. इसके अलावा सिम्प्टोमेटिक मरीजों को एंटीबायोटिक दी जाती है.