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छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के विजयी पार्षदों को कांग्रेस ने किया अंडरग्राउंड - winning councilors have gone underground

छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव (chhattisgarh urban body election) के बाद अब विजयी पार्षदों के जोड़-तोड़ की राजनीति हो रही है. यही कारण है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई पार्षद मानों अंडरग्राउंड हो गए हैं. अधिकांश के या तो फोन ही नहीं लग रहे हैं या फिर मोबाइल स्वीच ऑफ है. इन्हीं पार्षदों के बलबूते निकायों में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव होना है. जीत का सेहरा पहन चुके पार्षद दल-बदलू न हो जायं, इसके लिए सारी कवायद की जा रही है.

Congress did underground to the councilors
पार्षदों को कांग्रेस ने किया अंडरग्राउंड

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Published : Dec 24, 2021, 9:57 PM IST

रायपुरःछत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव (chhattisgarh urban body election) का परिणाम आ गया है. प्रदेश में 10 जिलों के 15 निकायों में हुए चुनाव का परिणाम एक दिन पहले आया. ज्यादातर निकायों में छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस (ruling party congress in chhattisgarh) की स्थिति मजबूत है. पार्टी को संदेह है कि कहीं दूसरी पार्टियां उनके दल के पार्षदों में सेंध न लगा लें, इसके लिए 23 दिसंबर को मतगणना और हार-जीत का फैसला होते ही कांग्रेस और समर्थन देने वाले पार्षद लापता हो गए हैं. इन विजयी पार्षदों को गुप्त स्थानों पर रखने की सूचना है.

भूमिगत हो गए हैं विजेता पार्षद

हालांकि इसकी पुष्टि पार्टी के किसी नेता के द्वारा नहीं की जा रही है. ईटीवी भारत को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भिलाई चरौंदा के विजयी पार्षदों (winning councilors of Bhilai Charonda) को पार्टी ने कान्हा भेजा है. इसी तरह अपने प्रत्याशियों को कांग्रेस ने अलग-अलग स्थानों पर रखा है. ज्यादातर पार्षदों के मोबाइल को बंद रखा गया. जिन पार्षदों का मोबाइल चालू है, उन्हें भी सख्त हिदायत दी गई है कि वह स्थान का जिक्र किसी से भी ना करें. यह सारी कवायद इसलिए की जा रही है कि विजयी पार्षदों को कोई फोड़ न पाए. इन्हीं के समर्थन पर निकायों में मेयर का चुनाव होगा.

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दूसरे चुनावों में भी यही स्थिति

इसी तरह की स्थिति विधायक से लेकर जनपद पंचायत तक के चुनाव में होती है. देश के कई हिस्सों में हमने देखा है कि विधायकों के गठजोड़ के लिए कई पार्टियां अपने समर्थकों को किसी गुप्त होटल या रिसॉर्ट में ठहराया है. छत्तीसगढ़ में भी यह कोई नई बात नहीं है. कल बिरगांव में मतगणना के दिन शुरुआती दौर में भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही कांटे की टक्कर थी. कई ऐसे वार्ड थे जहां भाजपा प्रत्याशी शुरुआती दौर में आगे चल रहे थे लेकिन लास्ट में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की. वहीं कई ऐसे भी वार्ड रहे हैं जहां चंद वोटो से ही निर्दलीय और कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है.

मतगणना खत्म होते तक कांग्रेस ने 19 वार्डो में जीत हासिल की. भाजपा के प्रत्याशी 10 वार्ड में जीते. जनता कांग्रेस के 5 और निर्दलीय 6 वार्ड में जीत हासिल की. कांग्रेस को बिरगांव में अपना महापौर बनाने के लिए दो और पार्षद चाहिए थे और कल देर रात को ही कांग्रेस ने 11 नंबर वार्ड और 1 नंबर वार्ड से जीते हुए निर्दलीय प्रत्याशी को अपने में मिला लिया. जिसके बाद कांग्रेस 21 वार्ड में आ गई है.

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