रायपुरःप्रदेश में कोरोना का खतरा (danger of corona) अभी भी टला नहीं है. धीरे-धीरे प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या (number of corona infected patients) बढ़ रही है. यह एक बड़ी चिंता का विषय है. वैक्सीनेशन की बात की जाए तो प्रदेश में लगभग ढाई करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है. लेकिन अब तक बच्चों की वैक्सीन (children vaccine) बाजार में नहीं आई है. इसलिए प्रदेश के 42 लाख बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाएगा (42 lakh children will not be able to get vaccinated).
ऐसे में 100% उपस्थिति के साथ स्कूल खोला जाना एक चिंता का विषय बन गया है. परिजनों का कहना है कि जब तक बच्चों को वैक्सीन नहीं लग जाता, तब तक 100% उपस्थिति के साथ स्कूल नहीं खोला जाना चाहिए. बता दें कि पिछले दिनों शिक्षा मंत्री द्वारा बयान आया था कि कैबिनेट में 100% उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जाने को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा तैयारी भी की जा रही है. वहीं, इसको लेकर ईटीवी भारत ने कुछ परिजनों और बच्चों से और साइकैटरिस्ट से बात कि आइए जानते हैं उनका क्या कहना है?
परिजनों का कहना है कि 100% उपस्थिति के साथ जो स्कूल खुलने की बात चल रही है, वह शिक्षा विभाग और स्कूलों की मिली-भगत है. अगर 100% उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जाते हैं तो बच्चों की सिक्योरिटी (security) का क्या होगा? अभी कोविड खत्म हुआ तो नहीं है. कोविड अभी भी है. उन्होंने कहा कि 50% उपस्थिति के साथ स्कूल खुलेंगे लेकिन वह भी कारगर साबित नहीं हुआ. क्योंकि अभी भी बच्चे संक्रमित मिल रहे हैं. अभी सरकार की जो बैठक होने वाली है, उसमें 100 उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जाने को लेकर निर्णय लिया जाना है.
इससे स्पष्ट होता है कि सरकार भी कहीं ना कहीं शिक्षा माफियाओं के साथ मिली हुई है. स्कूल बच्चों के माध्यम से परिजनों पर फीस को लेकर दबाव बनाना चाहते हैं और 2 महीने स्कूल खोलने का क्या मतलब रहा? अगर स्कूल खोल भी दिए जाते हैं तो बच्चों पर प्रेशर बढ़ेगा. ऊपर से परिजनों पर पुस्तकों, कपड़ों, जूतों, बस भाड़ा का एक्स्ट्रा खर्चा बढ़ेगा. फीस को लेकर परिजनों पर प्रेशर बढ़ेगा और पूरे साल भर की बसों की फीस वसूली जाएगी.
Cabinet Meeting के बाद सौ फीसद उपस्थिति में खोले जा सकेंगे स्कूल, पेट्रोल डीजल भी होगा सस्ता!