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गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को सीएम भूपेश का तोहफा - Godhan Nyay Yojana Chhattisgarh

सीएम भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में 7 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि अंतरित की (CM Bhupesh gift to the beneficiaries of Godhan Nyay Yojana) है.

Cow dung purchased under Godhan Nyay Yojana
गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को सीएम भूपेश का तोहफा

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Published : Jul 20, 2022, 2:03 PM IST

रायपुर : सीएम भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana Chhattisgarh) के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी (CM Bhupesh gift to the beneficiaries of Godhan Nyay Yojana)की. जिसमें एक जुलाई से 15 जुलाई तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.69 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 2.88 करोड़ और महिला समूहों को 1.91 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है. गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में अब तक हितग्राहियों को 293 करोड़ 94 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. 20 जुलाई को 10.84 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 301 करोड़ 42 लाख रूपए हो गया. इस गोधन न्याय योजना की शुरुआत दो वर्ष पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व पर मुख्यमंत्री बघेल ने की (Cow dung purchased under Godhan Nyay Yojana) थी.

गोधन से गांवों को मिला नया जीवन : गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. गौठानों में 15 जुलाई तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 150.75 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है. 20 जुलाई को गोबर विक्रेताओं को 2.69 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 153.44 करोड़ रूपए हो गया. गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 143.19 करोड़ रूपए राशि की भुगतान किया जा चुका है. गौठान समितियों को 2.88 करोड़ तथा स्व-सहायता समूह को 1.91 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 147.99 करोड़ रूपए हो गया. गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है.

महिला समूहों को मिला संबल :गोधन न्याय योजना के तहत महिला समूहों द्वारा 16 लाख 81 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 5 लाख 16 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18 हजार 924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर दिया जा रहा है. महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं. गौठानों में महिला समूह इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 74 करोड़ 68 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं. राज्य में गौठानों से 13,969 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 83,874 है.

गोबर से अब बिजली और पेंट :गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है. उल्लेखनीय है कि गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की शुरूआत भी रायपुर के हीरापुर-जरवाय गौठान में हो चुकी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप गौठानों को रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से कृषि एवं वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयां, गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए यूनिटें स्थापित की जा रही हैं.227 गौठानों में तेल मिल तथा 251 गौठानों में दाल मिल सहित मिनी राईस मिल एवं अन्य प्रकार यूनिटें स्थापित किए जाने का काम तेजी से जारी है.राज्य में गोधन के संरक्षण और सर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है.

गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को सीएम भूपेश का तोहफा

गौठानों में क्या है खास :गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध है. राज्य में अब तक 10,624 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 8408 गौठान निर्मित एवं 1798 गौठान निर्माणाधीन है. स्वावलंबी गौठानों ने अब तक स्वयं की राशि से 16 करोड़ 47 लाख रूपए का गोबर क्रय किया है. गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं. गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.99 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है. इस योजना से एक लाख 37 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं.

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