रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन जनप्रतिनिधियों सहित किसानों, पशुपालकों, महिला समूहों, तेंदूपत्ता संग्राहक और भूमिहीन परिवारों को कई बड़ी सौगात दी है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि फाइनेंशियल ईयर का आज आखिरी दिन है, कल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होगा और इस आखिरी दिन लोगों को कई सौगातें दी (CM Bhupesh Baghel gave a gift to the people of the state) गई हैं. फाइनेंसियल ईयर के आखिरी दिन मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों, महिला समूहों, तेंदूपत्ता संग्राहक और भूमिहीन परिवारों के बैंक खाते में 1125 करोड़ रुपए भेजे. ये रुपए इन वर्गों के लिए प्रदेश में चलाई जा सरकारी योजना के तहत जारी किए गए हैं.
सीएम भूपेश ने दी सौगात : मुख्यमंत्री अपने सरकारी बंगले के दफ्तर से ही इन योजनाओं के कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए. सबसे पहले उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त के रूप में राज्य के 20.58 लाख किसानों को 1029.31 करोड़ रुपए जारी किए. राज्य सरकार ने किसानों को उनकी फसल उपज का उचित मूल्य देने, फसल उत्पादकता में वृद्धि और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के मकसद से ये राशि किसानों को दी है. इस योजना में राज्य सरकार किसानों के खातों में बीते दो वर्षों में 11 हजार 180 करोड़ 97 लाख रुपए का भुगतान (11 thousand 180 crore 97 lakh rupees payment) कर चुकी है.
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की किस्त जारी :कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत 71.08 करोड़ रूपए की दूसरी किस्त मुख्यमंत्री ने जारी की. इसके बाद पशुपालकों (गोबर बेचने वाले), महिला समूहों और गौठान समितियों को 13.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. 728 तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 10.91 करोड़ रूपए की बीमा राशि दी गई. गोधन न्याय योजना के तहत राज्य सरकार पशुपालकों, स्व-सहायता समूहों एवं गौठान समितियों को अब तक 226.18 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है.
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने बीते तीन साल में समावेशी विकास का नया छत्तीसगढ़ मॉडल (New Chhattisgarh Model of Inclusive Development) पेश किया है. न्याय के ध्येय वाक्य को केन्द्र में रखकर छत्तीसगढ़ सरकार ने नए छत्तीसगढ़ मॉडल के जरिए न्याय का नया अध्याय रचा है. समाज के सभी तबके के लोगों को न्याय देने की इसी कड़ी में किसानों, ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों, पशुपालक ग्रामीणों, महिला समूहों को 1124 करोड़ 92 लाख रुपए की राशि योजनाओं के तहत सीधे उनके बैंक खातों में दी गई.