रायपुर : नया रायपुर में अवैध रूप से संचालित बाल आश्रम (Illegal child home raipur ) में बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड लाइन (Child Protection Unit Child Line Raipur) की टीम ने छापा मारा था. जहां 19 बच्चे बरामद (19 children recovered) हुए थे. इनमें से 10 बालक हैं जबकि 9 बालिकाएं हैं. ये सभी 7 से 10 वर्ष के हैं. ये बच्चे मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट जिले के हैं. पुलिस और महिला बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department raipur) की टीम ने एक पम्पलेट में छपी सूचना के आधार पर इन बच्चों को रिहा कराया था.
शुरुआती जांच में राखी पुलिस ने मंडला पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी है. बच्चों के परिजनों से बात करने और यह बच्चे कैसे इस संस्था के पास पहुंचे? यह पता लगाने के लिए कहा गया है. बच्चों के इस तरह मिलने पर पुलिस ने मानव तस्करी की भी आशंका जताई है. फिलहाल सभी बच्चों को सरकारी बाल गृह भेज दिया गया है. ETV भारत ने इस पूरे मामले को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड लाइन अधिकारी नवनीत स्वर्णकार (Navneet Swarnakar) से बातचीत की.
सवाल: किस तरह से रेस्क्यू किए, जानकारी कैसे मिली?
जवाब: डायरेक्ट्रेट और कलेक्टर महोदय के निर्देश में हम समय-समय पर निरीक्षण करते हैं. जिसमें देखा जाता है कि अवैध तरीके से कहीं कोई संस्थाएं संचालित तो नहीं हैं. इस बीच हमें एक पम्पलेट मिला, जिसमें नया रायपुर के सेक्टर 29 में लाइफ शो फाउंडेशन नामक एक संस्था की जानकारी मिली, जो मूलतः भिलाई की है. जिसके द्वारा अवैध रूप से बिना विभाग की अनुमति लिए जेजे एक्ट का अनुपालन नहीं करते हुए बच्चों को रखा गया था. इसमें से एक भी बच्चा छत्तीसगढ़ का नहीं था. सभी बच्चे मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट के रहने वाले थे. हमने एनजीओ का उद्देश्य जानने की कोशिश की तो उनका कहना था कि हम इन्हें शिक्षा देंगे और आवासीय सुविधा देंगे, जबकि अब तक किसी भी बच्चों का स्कूल में दाखिला नहीं कराया गया है.
सवाल: मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ किस तरह से बच्चों को लाया गया, बच्चों ने पूछताछ में क्या कहा ?
जवाब: बच्चों से पूछताछ करने से पता चला है कि एनजीओ ने अपना यूट्यूब चैनल बना रखा है. वहीं बहुत से मीडिया और पम्पलेट के माध्यम से अनुदान की भी मांग करते थे. साथ ही अलग-अलग जगहों पर एनजीओ के वालेंटियर्स भी तैनात थे. पूछताछ में एनजीओ के संचालक नरेश महानंद ने बताया कि हमारे वालेंटियर्स को सूचना मिली कि कुछ ऐसे बेसहारा बच्चे हैं जिनके पालन पोषण के लिए परिवार असमर्थ है. उन्हें वालेंटियर्स लेकर आते हैं. ऐसे में यह प्रतीत होता है कि इनके वालेंटियर्स सभी जगह तैनात हैं. चाहे वह छत्तीसगढ़ हो या मध्यप्रदेश. फिलहाल हमने नया रायपुर स्थित राखी थाने में एफआईआर दर्ज किया है. साथ ही पुलिस से अनुरोध किया गया है कि किशोर अधिनियम की धारा 32 जो जेजे एक्ट का पंजीयन नहीं कराने का उल्लंघन है, जिसमें एक वर्ष का कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना है. साथ ही भारतीय दंड संहिता 270 में यदि मामला फिट बैठता है तो उसे भी लगाने की पूरी कोशिश करेंगे.