रायपुर:जांजगीर का 12 साल का मूकबधिर बच्चा बोरवेल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. शुक्रवार में बोरवेल में फंसा राहुल सोमवार को भी एक्टिव दिखा. रेस्क्यू टीम के दिए खाने-पीने की चीजों को खा रहा है. साथ ही हाथ-पैर भी हिला रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं राहुल की इस हालत का जिम्मेदार कौन है. राहुल जिस बोरवेल में गिरा है वो उसके पिता ने ही खुदवाया था. बाड़ी में पानी के लिए बोर कराया गया. लेकिन खराब होने के बाद उसे वैसे ही छोड़ दिया गया. शुक्रवार को खेलते हुए राहुल इसी बोर में गिर गया. (child falls borewell in janjgir champa)
कब और कहां बोरवेल में गिरा बच्चा: इस बच्चे का नाम राहुल साहू है. उसकी उम्र करीब 12 साल है. वह जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र के पिहरीद गांव में रहता है. खेलने के दौरान बच्चा बोरवेल में गिर गया. शुक्रवार दोपहर 3 बजे के आसपास बच्चा अपने घर के पीछे बाड़ी में खेल रहा था. इसी दौरान फिसल कर बोरवेल में गिर गया. (Janjgir Borewell Accident )
मूक बधिर है राहुल: बोरवेल में गिरा बच्चा राहुल मूक बधिर है. उसके सकुशल रेस्क्यू के लिए पूरा प्रदेश दुआ कर रहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बच्चे के सकुशल रेस्क्यू के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं. इसके बाद सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ राहुल को बोरवेल से निकालने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कलेक्टर, एसपी समेत पूरा प्रशासनिक अमला रात भर से घटना स्थल पर जुटा हुआ है.
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किसका है बोरवेल:यह बोरवेल राहुल के पिता ने ही खुदवाया है. राहुल के पिता लाला साहू ने अपने घर की बाड़ी में पानी की व्यवस्था के लिए 120 फीट के करीब बोर कराया है. केसिंग लगाया गया था, लेकिन बोर में खराबी आने के कारण उस बोर को बंद कर दिया गया और उसकी केसिंग पाइप को भी निकाल दिया गया. बोर 6 से 8 इंच का हो गया. अपनी बाड़ी में खेलते हुए राहुल इसी बोर के अंदर गिर गया.
परिजनों को कैसे पता चला: दोपहर से बोर के अंदर फंसे राहुल के परिजन उसकी गांव भर में तलाश करते रहे. कुछ पता नहीं चलने पर उसकी मां घर के पीछे पहुंची, जहां बाड़ी में बने बोर से आवाज सुनाई दी. शाम 4 बजे परिजनों को घटना की जानकारी मिली. परिजनों ने तत्काल 112 को इसकी सूचना दी. फिलहाल मौके पर जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन एनडीआरएफ और स्वास्थ विभाग की टीम तैनात है. आईजी, डीआईजी, कलेक्टर एसपी सहित आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और जरूरी दिशा-निर्देश दिए. बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
कब सीखेंगे सबक: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के पिहरीद गांव में बोरवेल हादसे से पूरा प्रदेश सिहर उठा है. यह पहला मौका नहीं है जब कोई बच्चा बोरवेल में गिरा है. बोरवेल में बच्चों के गिरने और दम तोड़ने के कई हादसे हो चुके हैं. अफसोस इस बात का है कि दर्दनाक हादसों के बाद भी शासन-प्रशासन के साथ ही खुद लोगों ने भी सबक नहीं सीखा है और यह हादसे लगातार हो रहे हैं.