रायपुर:महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें उत्पीड़न से राहत दिलाने के मामले में छत्तीसगढ़ महिला आयोग का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा. आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और सदस्यों ने राज्य के सुदूर अंचलों में जाकर महिलाओं के उत्पीड़न की सुनवाई की. पिछले एक साल में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 62 जन सुनवाईयां कर एक हजार 401 प्रकरणों में से कुल 410 प्रकरणों का निराकरण किया गया है.
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक डॉ. किरणमयी नायक ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि राज्य में महिलाओं के हित संरक्षण के लिए आयोग द्वारा हर संभव मदद की जा रही है. पीड़ित महिलाओं को राहत देने के लिए आयोग सुदूर अंचलों में जाकर सुनवाई की गई. विशेष प्रकरणों में आयोग के कार्यालय में सुनवाई कर प्रकरणों का निराकरण किया गया है. तत्काल राहत दिलाने के लिए कई मौकों पर टेलीफोनिक माध्यम से भी महिलाओं की समस्याओं का निराकरण किया गया है. महिला उत्पीड़न की खबरों पर भी आयोग द्वारा संज्ञान लिया गया है. कई मामलों में दोनों पक्षों के बीच समझौता कराते हुए उनके सुखी गृहस्थ जीवन की दोबारा शुरुआत की गई है. विशेष मामलों में दोनों पक्षों की निगरानी भी जा रही है.
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उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पीड़ित महिलाओं को आयोग तक शिकायत आवेदन भेजने और सुनवाई में होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के उद्देश्य से आयोग की पहल पर व्हाटसपएप कॉल सेंटर का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से किया गया. व्हाटसएप नंबर 90983-82225 में किसी भी महिला की शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. पिछले साल वीमेन थीम पर पुरुषों के जीवन में महिलाओं की भूमिका पर कार्यशाला का आयोजन भी किया गया था.
डॉ. नायक ने बताया कि आयोग की सुनवाई के बाद 61 बेटियों को NMDC में नौकरी मिलना सुनिश्चित हुआ. पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने पर कई मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई. भरण-पोषण के कई मामलों में तीन हजार से एक लाख रुपये प्रतिमाह तक दिलाया गया. 11 साल पुराने एक मामले में अनुकंपा नियुक्ति दिलाई गई. दो मामलों में DNA टेस्ट और एक मामले में नार्काे टेस्ट का आदेश भी दिया गया.
जगदलपुर में एक ही दिन में 98 मामलों की सुनवाई की गई. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट काल में महिलाओं को राहत दिलाने की पहल की राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी सराहना की. छत्तीसगढ़ सरकार के 2 साल पूरे होने के अवसर पर महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता के लिए राजधानी रायपुर में एक विशालकाय रंगोली का निर्माण कराया गया. जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया.